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UP: बहराइच के किसानों से 50 हजार टन हल्दी खरीदेंगे रामदेव, आयुर्वेदिक दवाओं में करेंगे इस्तेमाल

रामदेव ने शनिवार को पतंजलि योगपीठ में जिले के तीन किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि समझौते के तहत रामदेव हर साल बहराइच से 50,000 टन हल्दी खरीदेंगे.

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योग गुरु रामदेव ने किसान संगठनों संग MOU साइन किया (फाइल फोटो)
योग गुरु रामदेव ने किसान संगठनों संग MOU साइन किया (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश की ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना के तहत योग गुरु रामदेव ने बहराइच जिले में उगाई जाने वाली हल्दी खरीदने का फैसला किया है. रामदेव ने शनिवार को पतंजलि योगपीठ में जिले के तीन किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि समझौते के तहत रामदेव हर साल बहराइच से 50,000 टन हल्दी खरीदेंगे.

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बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा, "एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में हल्दी से बने उत्पादों के लिए बहराइच जिले का चयन किया गया है. किसानों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही नतीजा है कि योग गुरु बहराइच से हल्दी खरीदने के लिए आगे आए हैं. जिले में कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से जुड़ा मिहीपुरवा तहसील का क्षेत्र कृषि के लिए एक आदर्श स्थान है, क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, उपजाऊ भूमि और अनुकूल जलवायु है. इस क्षेत्र में हल्दी, जिमीकंद और हरी सब्जियों की खेती बहुतायत में होती है." 

50 हजार टन हल्दी हर साल खरीदेगी पतंजलि

डीएम ने कहा कि यहां हल्दी के औषधीय गुण अन्य स्थानों की तुलना में बहुत अधिक हैं. इनका उत्पादन और विपणन क्षेत्रीय किसान करते हैं, लेकिन यहां हजारों किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के व्यापारी यहां के किसानों से सस्ते दामों पर हल्दी खरीदते हैं और इसे ऊंचे दामों पर आगे बेचते हैं. करीब 2000 हेक्टेयर क्षेत्र में 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष की दर से 45,000-50,000 टन हल्दी की बिक्री और विपणन के लिए शनिवार को रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के साथ समझौता हुआ है, जिससे जिले के किसानों को लाभ मिलेगा. 

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जिले के किसानों को होगा फायदा

उन्होंने बताया कि सीएम आदित्यनाथ के निर्देश पर जिले के किसानों की आय बढ़ाने और उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से यह पहल की गई है. आयुर्वेदिक दवाओं में बहराइच की हल्दी के इस्तेमाल से इसे जल्द ही राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी. डीएम ने यह भी बताया कि हल्दी उत्पादक किसानों को आयुर्वेद की आवश्यकता के अनुसार गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रशिक्षण देने की व्यवस्था बहराइच, लखनऊ और पतंजलि (हरिद्वार) में की जा रही है.

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