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'सिर्फ इसलिए जिंदा हूं, क्योंकि इस्लाम में खुदकुशी हराम है,' छलका आजम खान का दर्द

रामपुर उपचुनाव के प्रचार में सपा नेता आजम खान जमकर योगी सरकार पर बरसे. उन्होंने कहा- आखिर आपने मेरी मुस्कुराहट क्यों छीन ली, मेरी सांसें क्यों छीन लीं. 27 महीने की तन्हा कोठरी की कैद क्यों दी आपने, सरकार क्यों दुश्मन हुई हमारी, मेरी जान की दुश्मन क्यों हुई, मुझे जेल में क्यों जहर दिया गया. बताओ मुझे क्यों जहर दिया गया.

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सपा नेता आजम खान. (फाइल फोटो)
सपा नेता आजम खान. (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. यहां भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर है. चुनाव प्रचार में सपा नेता आजम खान ने पूरी ताकत झोंक दी है. यहां तक कि वे लोगों से भावुक अपील कर रहे हैं और उत्पीड़न का दर्द भी बयां कर रहे हैं. सोमवार को आजम खान ने जनसभा में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इसलिए जिंदा हूं, क्योंकि इस्लाम में खुदकुशी करना हराम है. अब सिर्फ एक जुल्म बाकी रह गया है...वह मुझे हिंदुस्तान से बाहर निकालना चाहते हैं. वह मुझे मार सकते नहीं, क्योंकि वह मुझे एड़ियां रगड़-रगड़कर मारना चाहते हैं.

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आजम खान ने कहा- मेरी मौत चाहते हो तो मार दो. मुझे मार दो गोली. मुझे यहां खुदा की कसम. वह मौत मेरी जिंदगी की तकलीफों से सस्ती होगी. मेरे पूरे घर को मार दो. तुम्हें मालूम है- जुल्म के कितने पहाड़ सह रहे हम. हंसो हम पर कह-कहे लगाओ हम पर. बेचो अपना जमीर. बिक जाओ एक-एक टके के लिए और इत्तेला करो उन अफसरान को जो हमारी बर्बादी चाहते हैं. यह जलसा नहीं है. तुमसे इंसाफ लेने आया हूं. तुमसे मौत मांगने आया हूं. थक गया हूं- मैं इस जिंदगी से. अजहर खान जेल में बंद है. उनकी पत्नी के आंसू मुझसे देखे नहीं जाते हैं. जेल में बच्चे बंद हैं. 

हमें पुलिस ने डाकू और चोर बना दिया...

सपा नेता ने आगे कहा- बेगुनाह किसी ने मशीन नहीं चुराई है. किसी ने फर्नीचर नहीं चुराया है. मैं लाता था कोलकाता से ट्रक के ट्रक भरकर फर्नीचर पुराने कबाड़ के. उनकी मरम्मत कराता था, उन्हें पॉलिश कराता था और तुम्हारी उस यूनिवर्सिटी में उसे सजाता था. पुलिस उन्हें उठाकर ले गई. हमें डाकू और चोर बना दिया. आजम खान ने कहा कि जीना चाहूंगा ऐसे जिंदगी. क्योंकि खुदकुशी हराम है, इसलिए जिंदा हूं.

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भेड़िया तुम्हारे दरवाजे पर खड़ा है...

आजम खान ने कहा- पुलिस ने डंडा मारा था जमीन पर, इसलिए भाग खड़े हुए थे. अगर एक जिस्म पर भी लग जाता, मर तो नहीं जाते. मैं तुम्हारे जख्मों पर अपने दिल का खून लगाकर उन्हें मरहम बना देता. मगर तुम घर से निकलते जालिमो. आसिम राजा पठान नहीं है, इसलिए इंसान तो है तुमने एक इंसान को जलील किया है. क्या माहौल है शहर का. दहशत-खौफ-डर... हर लम्हा जुल्म का इंतजार. ये आबादी बदनसीबो की आबादी है. मेरा दिल फट जाएगा अगर तुमने बेवफाई की. आप मेरे साथ धोखा मत करना. मेरे पास बहुत वक्त है भी नहीं और जान लो अच्छी तरह भेड़िया तुम्हारे दरवाजे पर खड़ा है. अगर वे तुम्हारे घर के अंदर दाखिल हो गया अपनी इज्जत की हिफाजत नहीं कर सकोगे.

तुम्हारी अच्छाई का सोचकर कितनों का बर्बाद कर दिया

आजम खान ने कहा कि कुछ मत सोचना मेरे बारे में. बहनों मैं तो इंतजार इस बात का कर रहा हूं कि किस दिन मुझे देश निकाला मिलेगा, क्योंकि अब एक ही ज़ुल्म बाकी रह गया कि मुझे हिंदुस्तान से निकाला जाए. मेरा वोट देने का अधिकार तक खत्म कर दिया. मेरे जीने का हक इसलिए बाकी है कि वह मुझे सीधे नहीं मारना चाहते. वे चाहते हैं कि यह एड़ियां रगड़ रगड़ कर मरे. सारा-सारा दिन अदालत में खड़ा रहता हूं. मेरी बीवी और मेरे बच्चे फैसलों का इंतजार करते हैं. अब कौन-सी जेल होगी, कहां जाना होगा. मैंने तुम्हारी अच्छाई का सोच कर कितने लोगों को बर्बाद कर दिया. मैं उन सबसे माफी मांगता हूं, जो मेरी वजह से जेलों में हैं जिन्हें मेरी वजह से तकलीफ पहुंची है. मैं उनसे माफी मांगता हूं.

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मैंने हर गुनहगार को माफ कर दिया था

उन्होंने कहा- अगर मुझसे कोई बदला लेना चाहता है तो मेरी जान हाजिर है. आओ मारो मुझे, पथराव करो, मेरे ऊपर तमंचा निकालो. मैंने हर गुनहगारों हर जालिम को माफ कर दिया था. आपने मुझे किस बात की सजा दी. आजम खान ने शायरी सुनाते हुए कहा- मुझको शिकस्त-ए-दिल का मजा याद आ गया, तुम क्यों उदास हो गए, क्या याद आ गया... जिंदगी थी बहुत मुख्तसर, मगर कुछ यूं बसर हुई कि खुदा याद आ गया.

 

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