scorecardresearch
 

कोई करता है सजदा तो किसी को होती है दिक्कत... फिर चर्चा में प्रयागराज रेलवे स्टेशन की मज़ार

प्रयागराज स्टेशन के एक नम्बर प्लेटफार्म के अंदर मज़ार शरीफ करामत अली (लाइन शाह बाबा) बनी हुई है और लोग आकर इस मज़ार में अपनी मुरादे मांगने के लिए सिर झुकाते हैं. यहां हर धर्म के लोग आकर बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं. वहीं यात्रियों की माने तो प्लेटफार्म और स्टेशन के अंदर ये नहीं होना चाहिए. लोगों को इससे परेशानी होती है.

Advertisement
X
प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर है मज़ार
प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर है मज़ार

उत्तराखंड के जंगलों में अवैध मज़ारों का मामला तूल पकड़ा तो अब वह मज़ार चर्चा में आ गए, जो सरकारी जमीन पर बने हुए हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी स्टेशन के अंदर मज़ार बनी हुई है. लोग यहां आकर सजदा पढ़ते है और अपनी दुआएं मांगते हैं. इस मज़ार को हटाने के लिए भी नोटिस जारी किया गया है लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

Advertisement

मज़ार की देखरेख करने वाले बताते हैं कि ये मज़ार शरीफ करामत अली (लाइन शाह बाबा) की है. मज़ार सैकड़ों साल पुरानी है. यहां हर धर्म के लोग आकर बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं. वहीं यात्रियों की माने तो प्लेटफार्म और स्टेशन के अंदर ये नहीं होना चाहिए. लोगों को इससे परेशानी होती है. वहीं कुछ लोग इस मज़ार को सही मानते है.

कुछ भी हो अभी भी प्रयागराज स्टेशन के एक नम्बर प्लेटफार्म के ये अंदर मज़ार बनी हुई है और लोग आकर इस मज़ार में अपनी मुरादे मांगने के लिए सिर झुकाते हैं. इस मज़ार के बारे में लोग बताते हैं कि मज़ार सैकड़ों साल पुरानी है, जब यहां पर कोई स्टेशन नहीं था और जब यहां पर पटरियां बिछाई जा रही थी तो इस मज़ार को हटाने की कोशिश की गई.

Advertisement

कुछ लोग कहते हैं कि जब भी इस मज़ार को हटाने की कोशिश की गई तो वहां की पटरियां अपने आप उखड़ जाती थी. यह मज़ार काफी पुरानी है. इस मज़ार को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था लेकिन मामला कोर्ट में चल रहा है. अब जो भी फैसला आएगा उसका आदेश माना जाएगा. फिलहाल अभी भी यह मज़ार स्टेशन के अंदर बनी हुई है.

 

Advertisement
Advertisement