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गाजीपुर: उसरी चट्टी कांड के चर्चित मुकदमे के ट्रायल पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की रोक

गाजीपुर में चल रहे उसरी चट्टी कांड के चर्चित मुकदमे के ट्रायल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. आरोपी त्रिभुवन सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें मुकदमे का ट्रायल गाजीपुर के बजाय किसी दूसरे जिले में कराए जाने की मांग की गई थी. अदालत ने वादी मुख्तार अंसारी और यूपी सरकार से जवाब तलब किया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

गाजीपुर में चल रहे उसरी चट्टी कांड के चर्चित मुकदमे के ट्रायल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. आरोपी त्रिभुवन सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगा दी. आरोपी त्रिभुवन सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें मुकदमे का ट्रायल गाजीपुर के बजाय किसी दूसरे जिले में कराए जाने की मांग की गई थी.

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याचिका में कहा गया था कि मुख्तार अंसारी के भाई सांसद हैं. उनका बेटा और भतीजा विधायक हैं. पूरा परिवार बेहद प्रभावशाली है. ऐसे में गाजीपुर में मुकदमे का ट्रायल निष्पक्ष तरीके से नहीं हो सकता. सियासी रसूख के चलते गवाहों व दूसरे लोगों को प्रभावित किया जा सकता है.

4 हफ्ते के लिए रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस डीके सिंह की सिंगल बेंच ने केस के ट्रायल पर 4 हफ्ते के लिए रोक लगा दी. अदालत ने वादी मुख्तार अंसारी और यूपी सरकार से जवाब तलब किया. इस पर 4 हफ्ते में जवाब देना होगा. तब तक के लिए मुकदमे के ट्रायल पर रोक रहेगी.

चर्चित उसरी चट्टी कांड में मुख्तार अंसारी वादी हैं जबकि बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह आरोपी हैं. 15 जुलाई 2001 को उसरी चट्टी में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला किया गया था. हमले का आरोप बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह पर है.

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कोर्ट में होनी थी पेशी
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को पिछले दिनों गाजीपुर कोर्ट में पेशी होनी थी. 22 साल पुराने उसरी कांड में गाजीपुर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को फिजिकली पेश करने के निर्देश दिए थे. गाजीपुर कोर्ट में पेशी के लिए मुख्तार अंसारी को आज बांदा जेल से गाजीपुर ले जाया जाना है लेकिन अब तक उसे जेल से बाहर नहीं लाया गया है. बांदा जेल के सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अंसारी को गाजीपुर कोर्ट में पेश करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने अंतिम समय में मुख्तार को पेशी के लिए नहीं भेजने का फैसला लिया. 

कोर्ट के सख्त निर्देश के बावजूद पिछली दो तारीख पर मुख्तार अंसारी को पेश नहीं किया गया था. बांदा प्रशासन ने इस बार भी मुख्तार अंसारी को पेशी पर नहीं भेजने का फैसला लिया. कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अंसारी को सुरक्षा कारणों से पेशी पर नहीं भेजा गया. इससे पहले मुख्तार अंसारी के वकील ने भी सुरक्षा और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट में खतरे की आशंका जताई थी.

 

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