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UP: बांदा में गरीब छात्रों को दी जाने वाली 1268 किताबें कबाड़ी की दुकान में मिलीं

मामला बबेरू थाना इलाके से सामने आया है. जहां पुलिस को सूचना मिली थी कि एक कबाड़ की दुकान में सरकारी स्कूल के बच्चों की दी जानी वाली किताबे रखी हैं. पुलिस ने मौके पर देखा तो होश उड़ गए. वजन करने पर पता चला कि इनका वजन डेढ़ कुंतल है. 1268 अदद किताबे बरामद हुई. पुलिस का कहना है कि बच्चों को दी जाने वाली किताबें तिंदवारी रोड की एक कबाड़ी की दुकान से बरामद की हैं.

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बांदा में यह बीते 15 दिनों के भीतर दूसरा ऐसा मामला है
बांदा में यह बीते 15 दिनों के भीतर दूसरा ऐसा मामला है

यूपी के बांदा में सरकारी स्कूलों की दशा और दुर्दशा सुधारने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन विभाग के जिम्मेदार अफसरों की करतूतों के चलते सब कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं. बच्चो को सरकारी स्कूल में निःशुल्क दी जाने वाली किताबें एक बार फिर कबाड़ की दुकानों में मिल रही हैं. गरीब बच्चों का भविष्य महज हजारों में बेच दिया गया. पुलिस ने करीब 1268 किताबें एक कबाड़ी की दुकान से बरामद की हैं. 

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यह बीते 15 दिनों के भीतर दूसरा ऐसा मामला है. इन किताबों का वजन डेढ़ कुंतल है. इससे पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बीते दिनों पकड़ी किताबों के मामले में जांच की बात कही थी, लेकिन जांच में क्या हुआ, इसकी बानगी दोबारा बरामद किताबो ने बयां कर दी. पुलिस ने कबाड़ी और एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

दरअसल, मामला बबेरू थाना इलाके से सामने आया है. जहां पुलिस को सूचना मिली थी कि एक कबाड़ की दुकान में सरकारी स्कूल के बच्चों की दी जानी वाली किताबे रखी हैं. पुलिस ने मौके पर देखा तो होश उड़ गए. वजन करने पर पता चला कि इनका वजन डेढ़ कुंतल है. 1268 अदद किताबे बरामद हुई. पुलिस का कहना है कि बच्चों को दी जाने वाली किताबें तिंदवारी रोड की एक कबाड़ी की दुकान से बरामद की हैं.

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बता दें पुलिस ने बीती 6 फरवरी को भी एक कबाड़ी की दुकान से भारी संख्या में कई किताबे बरामद की थीं. जिस पर बेसिक शिक्षा के लापरवाह अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही थी. SDM रविन्द्र कुमार ने मामले में बताया कि सूचना मिली थी कि एक कबाड़ की दुकान पर किताबे हैं. पुलिस को भेजकर मौके से 1268 किताबे बरामद की हैं. कबाड़ी और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. आगे की कार्रवाई पुलिस द्वारा की जा रही है. वहीं इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी को फोन किया गया तो उनका नम्बर हमेशा की तरह नेटवर्क क्षेत्र से बाहर रहा. 

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