उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर पर उपचुनाव प्रस्तावित है. निर्वाचन आयोग की ओर से मतदान और मतगणना की तारीखों का ऐलान होना बाकी है. इनमें से 9 सीटें विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण रिक्त हुई हैं, वहीं कानपुर की सीसामऊ सीट सपा नेता इरफान सोलंकी को एक मामले में 6 साल जेल की सजा होने के बाद उनकी विधायकी रद्द होने के कारण खाली हुई है. उपचुनाव वाले विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकर नगर की कटेहरी सीटें भी शामिल हैं.
उपचुनाव के ऐलान के काफी पहले से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र को अपनी नाक का सवाल बना लिया है. इस सीट को लेकर योगी आदित्यनाथ अब तक दो बैठकें और एक जनसभा कर चुके हैं. कटेहरी सीट पर भी उन्होंने अपनी नजरें गड़ा दी हैं. लोकसभा चुनावों में फैजाबाद सीट हारने के बाद विपक्षी दल भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर खूब तंज कस रहे हें. बता दें कि अवधेश प्रसाद पासी ने बीजेपी के लल्लू सिंह को हराकर यहां से जीत दर्ज की थी. राम मंदिर के लोकार्पण और अयोध्या में हुए विकास कार्यों को देखकर कोई यह नहीं मान रहा था कि भाजपा फैजाबाद सीट हार जाएगी.
यह भी पढ़ें: उपचुनाव से पहले यूपी में सरकार और संगठन एक साथ! सभी को दो-दो सीटों की जिम्मेदारी
सीएम योगी उपचुनाव में मिल्कीपुर सीट जीतकर फैजाबाद की हार का बदला लेना चाहते हैं, जहां के विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के कारण यह सीट खाली हुई है. अकेले मिल्कीपुर से हार का बदला पूरा नहीं होगा, शायद इसीलिए अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट पर भी उपचुनाव की तैयारियों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी ने अपने हाथों में ले ली है ताकि दोनों सीटों पर सपा को हराकर लोकसभा चुनाव की हार का जवाब दिया जा सके. कटेहरी सपा की सबसे मजबूत और सेफ सीट मानी जाती है, जो लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद खाली हुई है.
मिल्कीपुर और कटेहरी में ये हो सकते हैं सपा प्रत्याशी
बीजेपी ने उपचुनावों के लिए अभी किसी भी सीट पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी संगठन कई नामों पर चर्चा कर रहे हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से दो नाम आगे चल रहे हैं, जिनमें मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद के बेटे जबकि कटेहरी सीट से लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. यूपी में होने वाले उपचुनाव की जीत और हार न सिर्फ भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है, बल्कि सीए योगी की प्रतिष्ठा से भी.
यह भी पढ़ें: यूपी उपचुनाव में मायावती के आने से किसे नफा- किसे नुकसान? अर्पिता के साथ देखें दंगल
कुछ यही हाल समाजवादी पार्टी का भी है, जो 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के पहले उपचुनाव में जीत के साथ अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरना चाहेगी. मुख्यमंत्री योगी 18 अगस्त को एक बार फिर अयोध्या के कुमारगंज में एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं, जहां वह स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. फैजाबाद के पूर्व सांसद और बीजेपी नेता लल्लू सिंह ने कहा, 'बीजेपी कार्यकर्ता बूथ स्तर तक की बैठकें कर रहे हैं. हर कार्यकर्ता चाहता है कि हम जीतें. मतदाता सूची ठीक हो इसका पूरा प्रयास हो रहा है.'
सपा के लिए 2027 के लिहाज से उपचुनाव महत्वपूर्ण
सपा के लिए भी यूपी में 10 सीटों पर होने वाला उपचुनाव बहुत मायने रखता है. अखिलेश यादव और उनकी पार्टी यह साबित करना चाहते हैं कि लोकसभा चुनावों 37 सीटें जीतना, कोई तुक्का नहीं था. सपा नेता तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय ने कहा, 'हम तो सुने ही नहीं कि कहीं भाजपा जिंदाबाद का नारा लगता हो. भाजपा बची ही नहीं है. माइक्रोस्कोप से देखने पर भी कहीं दिखाई नहीं पड़ता कि भाजपा कोई चीज है. अभी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की महान और देव तुल्य जनता ने उनकी प्रतिष्ठा को तार तार किया. उनको हराकर उनकी प्रतिष्ठा की धज्जियां उड़ाईं.'
मिल्कीपुर और कटेहरी सीट का जातिगत समीकरण
मिल्कीपुर में लगभग 65 हजार ब्राह्मण, 55 हजार पासी, 22 हजार कोरी, 15 हजार हरिजन, 25 हजार क्षत्रिय, 23 हजार मुस्लिम, 20 हजार चौरसिया, 17 हजार बनिया और 55 हजार यादव मतदाता हैं. सुरक्षित सीट होने के कारण सभी पार्टियों के प्रत्याशी दलित बिरादरी से होंगे. इस बार बसपा और चंद्रशेखर रावण भी अपने प्रत्याशी उतारेंगे. कटेहरी विधानसभा सीट पर कुल 18.50 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. इनमें 4 लाख दलित और 3.70 लाख मुस्लिम हैं. इनके अलावा यहां 1.78 लाख कुर्मी, 1.70 लाख यादव, 1.35 लाख ब्राह्मण और 1 लाख ठाकुर मतदाता हैं.
यह भी पढ़ें: UP उपचुनावः 10 सीटों पर संग्राम ने बढ़ाई हलचल, विपक्ष के लिए आसान नहीं सीटों का बंटवारा
इसलिए मिल्कीपुर और कटेहरी का चुनावी गणित और समीकरण दिलचस्प होने वाला है. इसी के अनुसार पार्टियां भी तैयारियों में जुट गई हैं. फैजाबाद के पूर्व भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने कहा, 'मुख्यमंत्री येागी दो बार आ चुके हैं. फिर 18 तारीख को नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में आने वाले हैं. कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके रणनीति बना रहे हैं. सूर्य प्रताप शाही चुनाव के प्रभारी हैं. संगठन ने भी अपने पदाधिकारियों को लगा रखा है. इस समय हर घर पर तिरंगा लगे, इसकी तैयारी हो रही है. तिरंगा यात्रा जगह-जगह पर निकले, इसकी तैयारी हो रही है. भारतीय जनता पार्टी का काम करने का अपना तरीका है और हम उसी तरह काम कर रहे हैं.'