उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही एक प्रदेश, एक पंचांग की नीति लागू कर सकती है. इस फैसले से प्रदेश में सभी त्योहारों की तिथियां एक होंगी और सरकारी अवकाश भी उसी के अनुसार घोषित किए जाएंगे. लंबे समय से विभिन्न पंचांगों में पर्वों की अलग-अलग तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती थी, जिसे दूर करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि एक ही पर्व को दो-तीन दिनों तक अलग-अलग तिथियों पर मनाना हिंदू धर्म और संस्कृति के विरुद्ध है. पिछले तीन वर्षों से काशी के विद्वान, पंचांगकार और शिक्षाविद इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे थे. अब इस पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही इसे सरकारी मंजूरी मिलने की संभावना है.
सीएम योगी से होगी मुलाकात
काशी विद्वत परिषद की योजना है कि 7 अप्रैल के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर एक तिथि, एक पर्व के प्रस्ताव को पेश किया जाए. परिषद का मानना है कि यदि सरकारी गजट के अनुसार ही पंचांग में त्योहारों की तिथियां तय होंगी, तो इससे असमंजस खत्म होगा और लोगों को स्पष्टता मिलेगी.
2026 से लागू हो सकता है नया पंचांग
प्रो. द्विवेदी के अनुसार, 2025 के पंचांग पहले ही प्रकाशित हो चुके हैं, इसलिए 2026-27 (संवत 2083) से इस नियम को लागू करने की संभावना है. इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए काशी विद्वत परिषद ने एक विस्तृत खाका तैयार किया है, जिसे सरकार को सौंपा जाएगा.
सभी पंचांगों में त्योहारों की तिथि एक समान होगी
सभी पंचांगों में त्योहारों की तिथि एक समान होगी. सरकारी अवकाश पंचांग की तिथि के अनुसार तय किए जाएंगे. अलग-अलग पंचांग प्रकाशित हो सकते हैं, लेकिन तिथियों में कोई अंतर नहीं रहेगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि योगी सरकार इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लेती है और कब इसे लागू किया जाता है.