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महाकुंभ 2025: साइबर हमलों से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने कसी कमर, हाई-टेक रणनीति तैयार

महाकुंभ 2025 को लेकर साइबर हमलों से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए हैं. जनपदीय साइबर सेल, साइबर क्राइम थाना और हेल्पलाइन नंबर 1920 व 1930 के माध्यम से 24x7 निगरानी की जा रही है. पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है और जागरूकता अभियान चलाकर जनता को सतर्क किया जा रहा है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

महाकुंभ 2025 के दौरान संभावित साइबर खतरों से निपटने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने व्यापक कदम उठाए हैं. पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के नेतृत्व में एक बहुआयामी रणनीति बनाई गई है. यह रणनीति न केवल साइबर अपराधों को रोकने पर केंद्रित है, बल्कि आम जनता को जागरूक करने पर भी जोर दे रही है.

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दरअसल, प्रयागराज महाकुंभ में जनपदीय साइबर सेल, साइबर क्राइम थाना और विशेष साइबर थाना महाकुंभ मेला की स्थापना की गई है. इन इकाइयों के माध्यम से 24x7 साइबर स्पेस की निगरानी की जा रही है. पुलिस कर्मियों को साइबर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे तकनीकी रूप से सक्षम हों और किसी भी साइबर हमले या फ्रॉड का तत्काल समाधान कर सकें.

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महाकुंभ मेला के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 संचालित किया गया है. साथ ही नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से साइबर अपराधों की शिकायतों का निपटारा तेजी से किया जा रहा है. साइबर विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम 24 घंटे सक्रिय है. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की पहचान कर त्वरित वैधानिक कार्यवाही की जा रही है.

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जनता को साइबर अपराधों से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इनमें लघु फिल्में, रेडियो जिंगल्स और सोशल मीडिया क्रिएटिव्स का उपयोग किया जा रहा है. साइबर सुरक्षा को लेकर पोस्टर और बैनर भी महाकुंभ क्षेत्र में लगाए गए हैं.

साइबर सुरक्षा में प्राथमिकता

महाकुंभ-2025 में लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए, साइबर सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है. पुलिस की यह पहल न केवल श्रद्धालुओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करेगी, बल्कि डिजिटल अपराधों पर भी प्रभावी अंकुश लगाएगी. माना जा रहा है कि पुलिस और तकनीकी टीमों की यह तत्परता महाकुंभ को सुरक्षित और सुखद अनुभव बनाने में सहायक होगी.

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