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UP: नवरात्रि के मौके पर काशी में मांस बिक्री पर रोक की मांग, प्रशासन को सौंपा पत्र

दिल्ली के बाद अब वाराणसी में भी नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी है. हिंदू पक्ष की वादी महिलाओं और पैरोकारों ने जिला प्रशासन को पत्र सौंपकर अनुरोध किया है कि काशी एक पवित्र स्थल है और नवरात्रि में इसकी धार्मिक महत्ता और बढ़ जाती है.

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नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध की मांग
नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध की मांग

दिल्ली में बीजेपी विधायक द्वारा नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध की मांग के बाद अब यह मांग धर्मनगरी वाराणसी से भी उठने लगी है. वाराणसी में मां श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की वादी महिलाओं और पैरोकारों ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि नवरात्रि के दौरान मांस और मछली की दुकानों को पूरी तरह बंद किया जाए.

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संघ के सदस्यों ने प्रशासन को सौंपे गए पत्र में कहा है कि काशी एक पवित्र स्थल है और चैत्र नवरात्र के दौरान शिव की नगरी में शक्ति की उपासना का विशेष महत्व है. ऐसे में मांस और मछली की बिक्री इस धार्मिक भावनाओं के विपरीत है.

मीट की दुकानों पर प्रतिबंध की मांग

यह मांग दिल्ली में बीजेपी विधायक रविंद्र त्यागी की ओर से मीट की दुकानों को बंद करने की अपील के बाद जोर पकड़ने लगी. वाराणसी में हिंदू पक्ष से जुड़े लोगों ने भी इस मांग को उठाते हुए कहा कि जिस तरह से बकरीद के दौरान हिंदू समुदाय धार्मिक सहिष्णुता दिखाता है, उसी तरह नवरात्रि के दौरान भी मीट की दुकानों को बंद किया जाना चाहिए.

संघ के सदस्यों ने प्रशासन को सौंपा पत्र

अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मांग पर क्या निर्णय लेता है और क्या नवरात्रि के दौरान वाराणसी में मांस की बिक्री पर कोई आधिकारिक प्रतिबंध लगाया जाएगा या नहीं.

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