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लखनऊ में वाररूम, हर बूथ पर नजर... नगर निकाय चुनाव को लेकर BJP की तैयारी, गिनती का इंतजार

यूपी के नगर निकाय चुनाव को बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक सेमीफाइनल के तौर पर देख रही है. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में बकायदा वाररूम बनाया गया है. इस वाररूम में कई सेक्शन है- जैसे एविएशन सेक्शन, हर बूथ जीत का एक सेक्शन बना हुआ है, कंप्यूटर सेक्शन है, कॉलिंग सेक्शन है और इसके साथ-साथ क्रियान्वित सेक्शन है.

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बीजेपी का वाररूम
बीजेपी का वाररूम

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का मतदान हो चुका है और अब काउंटिंग का इंतजार है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वोटिंग और काउंटिंग के लिए एक खास तैयारी की है. लखनऊ में पार्टी मुख्यालय के अंदर वाररूम बनाया गया है, जिसमें 24 घंटे मॉनीटरिंग की जा रही है. चुनाव प्रचार से लेकर अब काउंटिंग तक की रणनीति तैयार की गई है.

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यूपी के नगर निकाय चुनाव को बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक सेमीफाइनल के तौर पर देख रही है. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में बकायदा वाररूम बनाया गया है. इस वाररूम में कई सेक्शन है- जैसे एविएशन सेक्शन, हर बूथ जीत का एक सेक्शन बना हुआ है, कंप्यूटर सेक्शन है, कॉलिंग सेक्शन है और इसके साथ-साथ क्रियान्वित सेक्शन है.

चुनाव के दौरान वाररूम ने कैसे किया काम?

सबसे पहले वार रूम में सुबह 10:00 बजे एक मीटिंग शुरू होती है. उस मीटिंग के जरिए सारी रणनीति तय की जाती है, जिसमें तकरीबन एक दर्जन लोग पहले उन सभी बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से बात करते हैं. अगर उनको किसी प्रकार की मदद की जरूरत है तो उस संबंधित व्यक्ति से बात करते हैं.

यही नहीं 11 बजे रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाता है कि कौन सा बूथ कितना मजबूत है? भारतीय जनता पार्टी इस पूरे वार रूम के जरिए ही पूरी अपनी रणनीति को तैयार करती है. सबसे बड़ी बात है कि वाररूम में किसी कंपनी के लोग नहीं बल्कि एबीवीपी के कार्यकर्ता होते हैं या बीजेपी के अपने कार्यकर्ता, जो पूरे मन से इस कार्य में लगे हुए हैं.

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बीजेपी के महामंत्री रामप्रताप सिंह ने कहा कि यहां पर माइक्रो लेवल मॉनिटरिंग की जाती है, छोटे कार्यकर्ता से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक संपर्क रहता है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयबंक त्रिपाठी एविएशन का काम देखते हैं. नगर निकाय चुनाव में तकरीबन 200 में रैलियां में उनकी भूमिका अहम रही.

निकाय चुनाव के लिए बना यह वॉररूम आखिरी तौर पर संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह रिपोर्ट करता है. पूरे प्रदेश के हर निकाय से आने वाले डेटा को कई प्रोसेस से गुजरना पड़ता है. जब मतगणना होगी, तब हर घंटे की रिपोर्ट संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और प्रदेश अध्यक्ष भूपिंदर चौधरी को भेजी जाएगी.

संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह माइक्रो लेवल पर कील-कांटे दुरुस्त करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में वोटिंग से लेकर मतगणना तक कि सभी रिपोर्ट सीधे बूथ से संगठन तक पहुंच रही है. वोटिंग की पल-पल की रिपोर्ट इस वॉररूम में आ चुकी है. संगठन की नजर 13 मई को इस वॉररूम पर होगी, जब नतीजे आएंगे.

 

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