उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पीला गमछा डालकर थाने पहुंचे सुभासपा के कार्यकर्ता का गमछा और मोबाइल फोन दारोगा ने रखवा लिया. दारोगा ने कार्यकर्ता की सारी हेकड़ी निकाल दी. इस बारे में जब सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) से मीडिया ने बात की, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं हैं. राजभर ने तो यह तक कह दिया कि उन्हें नहीं पता है कि फर्रुखाबाद में पार्टी का जिलाध्यक्ष कौन है.
बताते चलें कि योगी कैबिनेट में शामिल होने के बाद राजभर ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि जब भी थाने में जाओ, तो सफेद नहीं पीला गमछा लगाकर जाना. इससे दारोगा जी को तुम्हारी शक्ल में ओमप्रकाश राजभर दिखेगा. फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में राजभर की पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने नेता की बात पर पूरा भरोसा था. लिहाजा, वह पीला गमछा डालकर पहुंच गए थाने.
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पुलिस ने छीना कार्यकर्ता का गमछा और मोबाइल
मगर, वहां उनका दांव दारोगा के सामने उल्टा पड़ गया. मामले में सुभासपा के जिला अध्यक्ष संदेश कश्यप ने बताया कि मेरे एक कार्यकर्ता को किसी बात को लेकर पुलिस थाने बुलाया गया. इसके बाद कार्यकर्ता के साथ पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारी ने अभद्रता की. इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने कार्यकर्ता का गमछा और मोबाइल फोन भी छीन लिया. हमारी पार्टी के बारे में भी गलत कहा है.
जब हम थाना अध्यक्ष से बात करने पहुंचे, तो उनकी भाषा भी अभद्र थी. आज हम लोग थाना प्रभारी से बात करने आए हैं. अगर थाने की पुलिसकर्मियों थाना प्रभारी की कार्य शैली में सुधार नहीं आया तो हम लोग धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
यहां देखिए... "थाने में हुआ गमछे का अपमान'
पीले गमछे के बारे में कहा था राजभर ने...
बताते चलें कि कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने के बाद राजभर ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि जब थाने में पीला गमछा लगाकर जाओगे तो दारोगा जी ओमप्रकाश राजभर नजर आएगा. उन्होंने कहा था कि थाने पर जाओ तो सफेद गमछा मत लगाओ. पीला गमछा लगा लो. बाजार में 20-25 रुपये का मिलेगा. इस गमछे को लगाकर जाओ थाने पर.
जब थाने पर जाओगे तो तेरी शक्ल में ओम प्रकाश राजभर दारोगा जी को नजर आएगा. ये है पावर और जाकर बता देना कि मंत्रीजी भेजे हैं और दारोगा जी में पावर तो है नहीं कि मंत्रीजी से फोन करें कि भेजे हैं कि नहीं. बोलिए है पावर. एसपी को भी पावर नहीं है. डीएम को भी पावर नहीं है. आज जिस मुकाम पर हम खड़े हैं डीजी को भी पावर नहीं है कि वो हमसे पूछे आपने भेजा है कि नहीं भेजा है.