पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता धर्म सिंह सैनी सपा की साइकिल से उतर तो गए लेकिन उनके बीजेपी में शामिल होने को लेकर संकट गहरा गया है. खतौली में सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में धर्म सिंह सैनी बीजेपी में शामिल होने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी 'घर वापसी' का प्लान टल गया. खतौली का चुनाव भी बीजेपी हार चुकी है और इसके साथ ही धर्म सैनी का सियासी भविष्य अधर में लटक गया है. बीजेपी में एंट्री के लिए अब वो पार्टी ऑफिस से एक फोन आने का हर रोज इंतजार कर रहे हैं.
धर्म सिंह सैनी वेस्ट यूपी के ओबीसी समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं. मायावती की सरकार से लेकर योगी कैबिनेट तक में मंत्री रह चुके हैं. 2022 के चुनाव से ठीक पहले धर्म सिंह सैनी बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे, लेकिन अब फिर से बीजेपी में एंट्री करना चाहते थे. ऐसे में खतौली उपचुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ की जनसभा में उनके बीजेपी में वापसी होनी थी, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं के विरोध के चलते धर्म सिंह की एंट्री टालनी पड़ी.
पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी सहारनपुर से अपने लाव लश्कर के साथ बीजेपी में शामिल होने के लिए खतौली रैली के लिए रवाना हो चुके थे, लेकिन सीएम योगी के मंच पर धर्म सिंह सैनी के बढ़ते कदम पर ब्रेक लगा दिया गया. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उन्हें फोन कर कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा में वह पार्टी में शामिल नहीं हो सकते. बाद में संगठन उनकी पार्टी में ज्वाइनिंग लखनऊ कार्यालय में कराएगा. इस मामले को तीन सप्ताह होने जा रहे हैं, लेकिन धर्म सिंह सैनी को अभी तक बीजेपी में शामिल नहीं कराया गया है.
सैनी को एक काल का इंतजार
बीजेपी में शामिल होने के लिए धर्म सिंह सैनी अभी भी इंतजार कर रहे हैं. धर्म सिंह सैनी ने आजतक को बताया कि खतौली में उन्हें बीजेपी का दामन थामना था, लेकिन किन्हीं कारणों से उस समय सदस्यता नहीं दिलाई गई है. ऐसे में पार्टी ने उनसे कहा कि वेट कीजिए और संगठन के द्वारा शामिल कराया जाएगा. इसके लिए उन्हें पार्टी से फोन किया जाएगा. इसके बाद से हम फोन का इंतजार कर रहे हैं और हमने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व पर फैसला छोड़ रखा है. ऐसे में जब पार्टी उचित समझेगी तब फैसला लेगी.
क्या कहा भूपेंद्र सिंह चौधरी ने?
धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में अभी तक ज्वाइनिंग ना हो पाने पर पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि राजनीति में परिस्थितियां बदलती रहती हैं. पार्टी में आने के लिए कोई भी स्वतंत्र है. समय आने पर यह चीजें भी हो जाएंगी, पार्टी की विचारधारा के साथ चलने के लिए सबका स्वागत है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की बातों से भी जाहिर होता है कि धर्म सिंह सैनी की पार्टी में वापसी को लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं है. बीजेपी तीन सप्ताह के बाद भी उन्हें लेकर अपने पत्ते नहीं खोल रही है. वहीं, धर्म सिंह सैनी अब तो सपा से भी बेगाने हो चुके हैं और उनका सियासी भविष्य अधर में लटक चुका है. ऐसे में धर्म सिंह सैनी को अब बीजेपी कार्यालय से फोन आने का इंतजार है कि कब उनके मोबाइल की घंटी बजे और वो जाकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करें?
एंटी लॉबी ने किया खेल!
बता दें कि धर्म सिंह सैनी बीजेपी में दोबारा से आने के लिए तानाबाना बुन रहे थे, उसी दौरान पार्टी के स्थानीय नेता उनकी वापसी के राह में कांटे बिछाने के लिए एक्टिव हो गई. योगी सरकार के दो मंत्री और तीन विधायक उनकी वापसी के विरोध में थे. इसके अलावा बीजेपी के अंदर सैनी समाज के नेताओं का एक गुट है, जो नहीं चाहता है कि धर्म सिंह सैनी दोबारा पार्टी में आए. धर्म सिंह सैनी की एंटी लॉबी ने सीएम योगी से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक से शिकायत पहुंचाई.
नफा-नुकसान पर हुआ मंथन
डॉ. धर्म सिंह सैनी के आने से बीजेपी को होने वाले नफा-नुकसान पर मंथन किया गया. 2017 के विधानसभा चुनाव में धर्म सिंह सैनी के बीजेपी में आने से पार्टी को लाभ और 2022 में छोड़कर जाने से सपा को नुकसान पर गहन चर्चा की गई. इन सारी बातों को दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में रखा गया, जिसके चलते धर्म सिंह सैनी की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी.
हालांकि, बीजेपी का प्रदेश संगठन धर्म सिंह सैनी की वापसी के पक्ष में था. इसकी वजह यह थी कि पश्चिमी यूपी के इलाकों में धर्म सिंह सैनी का सैनी समुदाय के बीच अच्छा खासा जनाधार है. बीजेपी उन्हें लेकर अपने सियासी समीकरण को और भी मजबूत करना चाहती है, लेकिन दिल्ली दरबार ने ऐन वक्त पर वीटो पावर लगाते हुए उनकी ज्वाइनिंग को रोक लगी दी. इसी के चलते धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में घर वापसी का मामला वेटिंग में डाल दिया गया है. माना जा रहा है कि निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी में घर वापसी हो सकती है, जिसकी उम्मीद धर्म सिंह सैनी लगाए हुए हैं और बीजेपी दफ्तर से फोन आने का वेट कर रहे हैं?
(लखनऊ से अभिषेक मिश्रा और सहारनपुर से अनिल भारद्वाज के इनपुट के साथ)