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'दिल्ली से हरियाणा तक घिरने वाला नहीं', आरोपों पर बृजभूषण सिंह का पहलवानों पर पलटवार

डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. इसके बाद ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. पहलवानों ने अपनी मांगों को लेकर 21 मई तक का अल्टीमेटम दिया है.

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भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है. लखनऊ में बोलते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा कि अगर आरोप साबित होते हैं तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा. हम दिल्ली से लेकर हरियाणा तक घिरने वाले नहीं हैं. जो भी लोग साजिश कर रहे हैं, मुंह के बल गिर चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि सारे आरोप 'गुड टच और बैड टच' के हैं और सारे आरोप किसी बंद कमरे के नहीं बल्कि एक बड़े हॉल के अंदर टच करने के हैं. चीजे कोर्ट में हैं और विचाराधीन हैं, इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा. जो भी आरोप लगे हैं, वो कहां हु, क्या हुआ, कैसे हुआ और कब हुआ, इनमें एक भी प्रकरण मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो बिना कहे फांसी पर लटक जाऊंगा. मैं अपनी बात पर आज भी कायम हूं.

दरअसल, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं. इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं, जंतर-मंतर पर जुटे पहलवान चाहते हैं कि इस मामले में बृजभूषण की गिरफ्तारी होनी चाहिए. बृजभूषण लगातार इस मामले में सफाई दे रहे हैं. वह कई वीडियोज जारी कर खुद को इस मामले में बेगुनाह बता चुके हैं.

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पहलवानों ने दिया है 15 दिन का अल्टीमेटम 

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों ने अपनी मांगों को लेकर 21 मई तक का अल्टीमेटम दिया है. पहलवानों ने सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा था कि हमारी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो 21 मई के दिन हम बड़ा फैसला ले सकते हैं. हम आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए जंतर-मंतर से निकल भी सकते हैं. पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से भी समर्थन मांगने की बात कही है. 

पहलवानों के समर्थन में खाप और किसान 

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों को खाप और किसान का समर्थन पहले ही मिल चुका है. किसान नेता राकेश टिकैत के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेता, बड़ी तादाद में महिला किसान और खाप के प्रतिनिधि भी जंतर-मंतर पहुंचे थे. किसान नेताओं और खाप ने भी सरकार को पहलवानों की मांग जल्द एक्शन लेने की चेतावनी दी थी और कहा था कि कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन करेंगे. 

23 अप्रैल से धरना दे रहे पहलवान 

डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. इसके बाद ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया था. पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी पत्र लिखकर इंसाफ की लड़ाई में साथ देने की अपील की थी.

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