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जब आयुष चौधरी बनकर लखनऊ यूनिवर्सिटी में बमबाजी करता था गुड्डू मुस्लिम

सुल्तानपुर के रहने वाले गुड्डू मुस्लिम का पड़ोसी जिलों अयोध्या और जौनपुर के दो छात्र नेताओं अभय सिंह और धनंजय सिंह से संपर्क हुआ. धनंजय सिंह और अभय सिंह की लखनऊ विश्वविद्यालय में दोस्ती जगजाहिर थी और इसी दोस्ती में गुड्डू मुस्लिम भी एक अहम कड़ी बन गया. उस वक्त गुड्डू मुस्लिम लखनऊ विश्वविद्यालय के चंद्रशेखर हॉस्टल में रहता था और तमाम छात्र नेता उसे आयुष चौधरी के नाम से जानते थे.

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गुड्डू मुस्लिम (फाइल फोटो)
गुड्डू मुस्लिम (फाइल फोटो)

उमेश पाल हत्याकांड में बमबाजी करने वाले 5 लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम ने 90 के दशक में लखनऊ विश्वविद्यालय को भी कई बार बमबाजी से दहलाया है. गुड्डू मुस्लिम कई साल तक लखनऊ विश्वविद्यालय के चंद्रशेखर हॉस्टल में रहा. यह अलग बात है लखनऊ विश्वविद्यालय में गुड्डू मुस्लिम अपने असली नाम से नहीं दूसरे नाम से जाना जाता था. क्या था गुड्डू मुस्लिम का लखनऊ विश्वविद्यालय से कनेक्शन और किस नाम से गुड्डू मुस्लिम को लोग जानते थे?

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सुल्तानपुर के रहने वाले गुड्डू मुस्लिम का पड़ोसी जिलों अयोध्या और जौनपुर के दो छात्र नेताओं अभय सिंह और धनंजय सिंह से संपर्क हुआ. धनंजय सिंह और अभय सिंह की लखनऊ विश्वविद्यालय में दोस्ती जगजाहिर थी और इसी दोस्ती में गुड्डू मुस्लिम भी एक अहम कड़ी बन गया. अभय सिंह और धनंजय सिंह से दोस्ती का ही नतीजा था कि गुड्डू मुस्लिम ने 90 के दशक में इलाहाबाद से लेकर इटावा और लखनऊ में कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया.

यह वह दौर था जब लखनऊ विश्वविद्यालय में बमबाजी की घटनाएं बढ़ी थी. रोजाना तीन से चार बम लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में चलते थे. धनंजय सिंह और अभय सिंह का दूसरे छात्र नेता अनिल सिंह बीरू से झगड़ा था. उस समय सीओ महानगर रहे राजेश पांडे बताते हैं-

'उस वक्त गुड्डू मुस्लिम लखनऊ विश्वविद्यालय के चंद्रशेखर हॉस्टल में रहता था और तमाम छात्र नेता उसे आयुष चौधरी के नाम से जानते थे. यह अलग बात है कि गुड्डू मुस्लिम ने कभी लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई नहीं की, लेकिन वह रहता हॉस्टल में ही था. आयुष चौधरी बनकर रह रहे गुड्डू मुस्लिम के रूम पर बम खरीदने वालों की भीड़ लगती थी.'

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'वह हाथ से बारूद तौल कर 5 मिनट में बम बना देता. वह दो तरह के बम बनाता. एक आवाज-धुआं करने वाला और दूसरा जान लेने वाला. जान लेने वाले बम में जूते में लगने वाली छोटी और तीखी कीले खरीद कर डालता और अखबार में लपेट 5 मिनट में बम तैयार करता था. यही वजह थी कि अभय सिंह और धनंजय सिंह के गुट का जब भी अनिल सिंह बीरू के गुट से सामना हुआ गुड्डू मुस्लिम उर्फ आयुष चौधरी ने बमबाजी कर अनिल सिंह बीरू के गुट को खदेड़ दिया.'

गुड्डू मुस्लिम जब गोरखपुर से एनडीपीएस में पकड़ा गया तो उसे जेल से अतीक अहमद ने छुड़ाया. गुड्डू मुस्लिम बीते 20 सालों से अतीक अहमद के लिए ही काम कर रहा था, लेकिन गुड्डू मुस्लिम ने कभी पुराने माफियाओं से रिश्ते खत्म नहीं किए. गाहे-बगाहे वो पुराने साथियों के लिए काम करता था और अब सफेदपोश हो चुके वो माफिया गुड्डू मुस्लिम की मदद करते थे. इसी सिंडिकेट के चलते गुड्डू मुस्लिम फरार और चुनौती बन गया है.

 

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