भ्रष्टाचार के आरोप में इंवेस्ट यूपी के CEO और सीनियर IAS अभिषेक प्रकाश पर एक्शन हुआ है. अभिषेक प्रकाश को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. वहीं, एक बिजनेसमैन से रिश्वत मांगने वाले बिचौलिए को भी गिरफ्तार किया गया है. IAS अभिषेक पर SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से बिचौलिए के जरिए 5% कमीशन की मांग करने का आरोप लगा है. कंपनी के प्रतिनिधि की शिकायत पर जांच के बाद कार्रवाई की गई.
बताया जा रहा है कि सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए एक उद्यमी ने इंवेस्ट यूपी में आवेदन किया था. मगर आरोप है कि एक बिचौलिए ने उद्यमी से कमीशन मांगा. इसके बाद उद्यमी ने मामले की शिकायत पुलिस से की. बाद में शिकायत मिलने पर प्रदेश सरकार ने मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए इन्वेस्टमेंट यूपी के CEO अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया. साथ ही पुलिस ने वसूलीबाज को भी अरेस्ट कर लिया.
ऐसे सस्पेंड हो गए IAS अभिषेक प्रकाश
दरअसल, SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने 20 मार्च को शिकायत की थी कि वे उत्तर प्रदेश में सोलर सेल, सोलर पैनल और सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री स्थापित करना चाहते हैं. इसके लिए कंपनी ने UP इंवेस्ट के तहत Letter of Comfort (LOC) के लिए आवेदन किया था, लेकिन कमीशन ना देने के कारण उनकी फाइल बार-बार टाल दी गई.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि IAS अभिषेक प्रकाश ने उनसे निकांत जैन से मिलने को कहा और स्पष्ट कर दिया कि यदि जैन सहमति देंगे, तभी संस्तुति होगी. जब विश्वजीत दत्ता निकांत जैन से मिले, तो उन्होंने 5% कमीशन की मांग रखी. हालांकि, 12 मार्च 2025 को हुई मूल्यांकन समिति की बैठक में कंपनी को LOC जारी करने की संस्तुति कर दी गई थी, लेकिन अभिषेक प्रकाश ने इसे फिर से पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दे दिया.
सीएम के पास पहुंचा मामला
जब मामला सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आया, तो उन्होंने पूरी पत्रावली मंगवाई और जांच के आदेश दिए. जांच में फाइल पर की गई तारीखवार टिप्पणियों और अधिकारियों से पूछताछ के बाद गड़बड़ियों की पुष्टि हुई. जांच के बाद, विश्वजीत दत्ता की शिकायत पर लखनऊ के गोमती नगर थाने में बिचौलिए निकांत जैन के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई. पुलिस ने निकांत जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
वहीं, सीएम योगी ने कड़ा फैसला लेते हुए IAS अभिषेक प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. साथ ही उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं. प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
कौन हैं IAS अभिषेक प्रकाश?
बता दें कि अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के IAS अफसर हैं. साल 1982 में जन्मे अभिषेक प्रकाश मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. वर्तमान में वह सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, आईडीसी विभाग एवं सीईओ इंवेस्ट यूपी का चार्ज संभल रहे थे. अभिषेक प्रकाश लंबे समय तक लखनऊ के डीएम रह चुके हैं. उनके डीएम रहते हुए सरोजनीनगर क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर की जमीन का अधिग्रहण हुआ था.
उन्होंने साल 2000 से 2004 के बीच IIT रुड़की से इंजीनियरिंग की है. इसके बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया. अभिषेक लखीमपुर खीरी, अलीगढ़ और हमीरपुर जिलों के डीएम भी रह चुके हैं.
अभिषेक प्रकाश ने कहा- 'मिस्टर जैन' से मिल लीजिए
मालूम हो कि इंवेस्ट यूपी के CEO के तौर पर अभिषेक प्रकाश की जिम्मेदारी थी कि उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन आवेदन करने वाली सभी फर्मों की समीक्षा के बाद उन्हें Letter of Comfort जारी किया जाए. आरोप है कि इसी लेटर को जारी करने में बिचौलिए के जरिए कमीशन की डिमांड की गई थी.
SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से विश्वजीत दत्ता ने 20 मार्च को शिकायत की थी कि वह उत्तर प्रदेश में सोलर सेल, सोलर पैनल व सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं. मगर 5% कमीशन नहीं देने के कारण कमेटी की संस्तुति के बावजूद पत्रावली में प्रकरण टाल दिया जाता है. इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया की इंवेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश ने उनसे 'मिस्टर जैन' से मिलने को कहा और साफ कहा कि 'जैन साहब चाहेंगे तो संस्तुति होगी.'
आरोप है कि शिकायतकर्ता जब निकांत जैन से मिले तो उसने ने 5% कमीशन की डिमांड रखी. कंपनी ने कमीशन नहीं दिया तो 12 मार्च 2025 को हुई बैठक में मूल्यांकन समिति ने कंपनी को Letter of Comfort की संस्तुति भी कर दी, लेकिन अभिषेक प्रकाश ने इसको Reevaluate करने के लिए कह दिया. जिसके बाद मामला सीएम के सामने गया. जांच के बाद गोमती नगर थाने में निकांत जैन पर विश्वजीत दत्ता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करवाई गई. निकांत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वहीं, सीएम ने IAS अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड करते हुए कड़ी विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दे दिए.