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एयरफोर्स में सर्विस, एरियल फोटोग्राफर का भी किया काम... कौन हैं महाकुंभ में आए IITian 'संन्यासी बाबा' Abhay Singh के गुरु सोमेश्वर गिरी

सोमेश्वर गिरी मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं. नौकरी के बाद उन्होंने भी घर बार छोड़ दिया और काशी के जूना अखाड़े पहुंच गए, जहां आध्यात्मिक खोज की उनकी यात्रा जारी है. सोमेश्वर गिरी कहते हैं कि आईआईटी से एयरोस्पेस इंजीनियर अभय सिंह इस वक्त देश के चुनिंदा ऐसे साधुओं में है जिन्होंने साधना की ऊंची पायदान पहले ही प्राप्त कर रखी है. 

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संन्यासी अभय सिह और उनके गुरु सोमेश्वर गिरी
संन्यासी अभय सिह और उनके गुरु सोमेश्वर गिरी

प्रयागराज महाकुंभ में आए आईआईटी मुंबई के एयरोस्पेस इंजीनियर अभय सिंह सुर्खियों में हैं. अभय सिंह अच्छी-खासी नौकरी और लग्जरी लाइफस्टाइल छोड़कर संन्यासी बन गए हैं. सोशल मीडिया पर लोग उनके बारे में चर्चा कर रहे हैं. साथ ही यह भी जानना चाह रहे हैं कि आखिर अभय सिंह के गुरु कौन हैं, किस साधु ने काशी के घाट पर आध्यात्मिक खोज में भटक रहे अभय को पहचाना? तो आइए जानते हैं इन्हीं सब सवालों के जवाब...

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करीब डेढ़ महीने पहले अभय सिंह यूं ही काशी के घाट पर आध्यात्मिक खोज में भटक रहे थे. कई दिनों तक यूं ही घाट किनारे पड़ा रहने वाला यह शख्स आध्यात्मिक राह पर काफी आगे बढ़ चुका है. लेकिन इसे परखने वाला कोई नहीं था. तभी अचानक काशी में जूना अखाड़े के एक संत सोमेश्वर गिरी की मुलाकात इस आईआईटी इंजीनियर से हो जाती है. बातचीत होते-होते सोमेश्वर गिरी को यह लग जाता है कि अभय सिंह में कुछ ऐसी बात है जो उसे दूसरे साधकों से अलग करती है. साथ ही कुछ ऐसा अभय के भीतर है, जो उनके भीतर भी है. 

जानिए अभय सिंह के गुरु के बारे में

अभय सिंह के गुरु इंडियन एयरफोर्स के लिए एरियल फोटोग्राफी कर चुके सोमेश्वर गिरी हैं. इन्होंने एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दी हैं. सोमेश्वर गिरी ने बताया कि कई दशक पहले वह सेना के लिए गुप्त रूप से दुश्मन देशों में एरियल फोटोग्राफी करते थे, लेकिन देश की सुरक्षा की वजह से वो इसपर ज्यादा नहीं बोल सकते. 

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सोमेश्वर गिरी ने कहा कि फोटोग्राफी ही वह कॉमन ग्राउंड है, जिस पर मैं और अभय बातचीत में करीब आए. जब लगा कि अभय आध्यात्मिक रूप से काफी आगे बढ़ चुका है तब मैंने उसको साथ ले लिया. 

ऐसे सोमेश्वर गिरी के करीब आए अभय 

काशी में गंगा किनारे भटकने वाले आईआईटी इंजीनियर को पहले सोमेश्वर गिरी ने कुछ दिनों तक अपने ही कमरे में रखा, फिर उन्हें लग गया कि अभय उनसे कहीं ज्यादा ऊंचे आध्यात्मिक पायदान पर है, उसके बाद सोमेश्वर गिरि ने कई अघोरी नागा साधुओं से अभय की मुलाकात कराई. इसके अलावा कई साधकों से भी अभय की मुलाकात कराई, जो सालों साल से तपस्या में लीन हैं. कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 20-30 और 40 सालों से बिना खाए-पिए सिर्फ साधना कर रखी है.

नौकरी के बाद छोड़ दिया घर बार

आपको बता दें कि सोमेश्वर गिरी मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं. नौकरी के बाद उन्होंने भी घर बार छोड़ दिया और काशी स्थित जूना अखाड़े पहुंच गए, जहां आध्यात्मिक खोज की उनकी यात्रा जारी है. सोमेश्वर गिरी कहते हैं कि आईआईटी से एयरोस्पेस इंजीनियर अभय सिंह इस वक्त देश के चुनिंदा ऐसे साधुओं में है जिन्होंने साधना की ऊंची पायदान पहले ही प्राप्त कर रखी है. 

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मालूम हो कि अभय सिंह ने IIT मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. फिर कनाडा में जॉब की और फोटोग्राफी सीखी. इसी दौरान अभय ने वैराग्य जीवन चुन लिया और अपना घर छोड़ दिया. फिलहाल, अभय की कहानी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है.

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