
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पत्नी ही अपने पति की कातिल निकली. उसने प्रेमी के साथ मिलकर पति की गला घोंटकर हत्या कर दी. फिर शव को ऑटो में रखकर 65 किलोमीटर दूर मथुरा जिले में फेंक आई. दरअसल, हत्यारोपी पत्नी का एक एंबुलेंस ड्राइवर से कथित तौर पर अफेयर चल रहा था. उसके पति को इस बात की भनक लग गई थी. इसलिए पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति को रास्ते से हटा दिया.
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद शातिर पत्नी ने अगले दिन थाने जाकर पति की गुमशुदगी दर्ज कराई. ताकि पुलिस को उसपर शक ना हो. 5 दिनों तक पति का कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में मृतक के परिजनों ने शक के आधार पर पत्नी के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी. शिकायत मिलने पर पुलिस ने पत्नी को हिरासत में ले लिया और पहले उससे साधारण तौर पर पूछताछ की. लेकिन गोलमोल जवाब देने पर पुलिस ने जब सख़्ती दिखाई तो पत्नी ने अपना जुर्म कबूल लिया.
पत्नी ने पुलिस से कहा कि पति मुझे मारते पीटते थे, इसलिए मैंने उन्हें मार डाला. फिर शव को ऑटो से मथुरा के एक सुनसान इलाके में फेंक आई. पत्नी की बातें सुनकर पुलिस भी सन्न रह गई. चूंकि, पुलिस को पहले से ही शक था कि महिला अकेले हत्या नहीं कर सकती है. इसलिए परिजनों के बताने पर आरोपी महिला के प्रेमी यानि एंबुलेंस चालक पर भी शिकंजा कस दिया.
आइए जानते हैं पूरी कहानी
आपको बता दें कि मृतक कारोबारी जितेंद्र बघेल थाना जगदीशपुरा के बोदला इलाके में लाल मस्जिद के पास रहते थे. बोदला चौराहे के पास उनका बांस बल्ली का कारोबार था. परिजनों ने पुलिस को बताया कि जितेंद्र 11 मार्च की शाम दुकान बंद कर घर आए थे. कुछ देर बाद वह घर से बाहर कुछ सामान लेने निकले थे. इस दौरान जितेंद्र फोन पर किसी से बात कर रहे थे. रातभर जितेंद्र घर वापस नहीं आए. जितेंद्र की पत्नी नीतू ने अगले दिन 12 मार्च को पति के गुम होने की सुचना पुलिस को दी. परिजनों ने भी जितेंद्र की तलाश शुरू कर दी.
इस बीच जितेंद्र का शव मथुरा जिले के फरह इलाके में हाइवे किनारे भीमनगर गांव के पास पड़ा मिला. गांव के कुछ लोगों ने शव को देख पुलिस को सूचना दी थी. पुलिस ने शव के आसपास शिनाख्त की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली. जिसपर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
16 मार्च दिन रविवार को जितेंद्र के भाई मनोज पोस्टमार्टम पहुंचे, जहां जितेंद्र के शव की शिनाख्त हो सकी. जितेंद्र के भाई मनोज ने पुलिस को बताया कि बड़े भाई की सरहज शशि ने अख़बार की खबर पढ़ने के बाद मुझे कॉल किया था. शशि ने कॉल पर कहा था कि शायद जितेंद्र के साथ कुछ गलत हुआ है. आप मथुरा जाकर पता करिए. शशि के फोन के बाद हम मथुरा के फरह थाने पहुंचे. थाने में जितेंद्र की फोटो दिखाई दी और फिर पुलिस ने भी उसे कुछ तस्वीरें दिखाई. आखिरकार मथुरा पुलिस ने जो फोटो दिखाई उससे जितेंद्र की पहचान हो गई.
मामले में सहायक पुलिस आयुक्त, लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि 11 मार्च को जितेंद्र की गुमशुदगी थाना जगदीशपुरा में दर्ज कराई गई थी. इस बीच फरह में एक शव मिलता है, जिसकी जांच पड़ताल की जाती है, जिसमें यह शव जितेंद्र बघेल का पाया जाता है. जांच में पता लगा कि जितेंद्र की हत्या की प्लानिंग उसकी पत्नी ने ही की थी.
जितेंद्र की पत्नी के मित्र विष्णु बघेल और उसके दोस्त अनिल ने मिलकर जितेंद्र को आल्टो कार में बैठाया था. रास्ते में गमछे से उसकी गर्दन दबा दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई. फिर शव को मथुरा जिले के फरह इलाके में फेंक दिया. यह मर्डर प्रेम प्रसंग के चलते एक प्लान के तहत किया गया था. फिलहाल, आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.