यूपी के बदायूं में पोस्टमार्टम के बाद महिला के शव से आंखें गायब होने के मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एक्शन लिया है. उन्होंने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को निलंबित कर दिया है. इससे पहले मृतका के परिजनों की तहरीर के आधार पर पोस्टमार्टम करने वाले दो डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. डिप्टी सीएम और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया के जरिए प्रकरण की जानकारी दी है.
बता दें कि बदायूं के कुटरई गांव निवासी गंगाचरण की बेटी पूजा की शादी करीब नौ माह पहले हुई थी. पिता का आरोप है कि ससुराल वाले उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे. पैसों की मांग करते थे. बीते दिनों पूजा ससुराल में फंदे से झूलती मिली. पूजा की मौत से परिवार में कोहराम मच गया.
गंगाचरण ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी की हत्या ससुराल वालों ने की है. घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. परिजनों के मुताबिक उस वक्त शव की दोनों आंखें थीं. लेकिन पोस्टमार्टम के बाद जब बॉडी बैग खोला गया तो पूजा की दोनों आंखें गायब थीं.
पुलिस ने आरोपी डॉक्टरों को भेजा जेल
मृतका के परिजनों ने इस संबंध में जिलाधिकारी से शिकायत की और पोस्टमार्टम करने वाली टीम के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई. 11 दिसंबर को अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई. जांच कमेटी ने पोस्टमार्टम टीम को दोषी पाया और कहा कि बदायूं के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सजगतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया.
जिसके बाद मृतका के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पोस्टमार्टम टीम में शामिल दो डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके बाद आज डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बदायूं के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय को सस्पेंड कर दिया. वहीं, बरेली के अपर निदेशक को पहली बार महिला के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और अन्य कर्मियों का विवरण जुटाने का निर्देश दिया गया है.