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जिसे 10 साल पहले खोया पति समझकर घर ले आई महिला, वो कोई और ही निकला

यूपी के बलिया में शुक्रवार को जिसे अपना 10 साल पहले खोया पति समझकर महिला घर ले आई थी असल में वो कोई और ही निकला. महिला ने जब घर ले जाकर उसके शरीर पर चिन्ह खोजने की कोशिश की तो वो नहीं मिला जिसके बाद उसे एहसास हुआ कि वो उसका पति नहीं कोई और शख्स है.

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महिला ने किसी और शख्स को समझ लिया अपना पति
महिला ने किसी और शख्स को समझ लिया अपना पति

उत्तर प्रदेश के बलिया में जिस शख्स को दस साल पहले खोया हुआ अपना पति मानकर महिला भावुक हो गई थी अब उस मामले में नया मोड़ आ गया है. महिला  विक्षिप्त व्यक्ति को अपना पति समझकर घर ले आई थी लेकिन अब वो कोई और ही निकला है.

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दरअसल शुक्रवार को बलिया जिला अस्पताल में एक महिला जानकी को एक विक्षिप्त व्यक्ति दिखाई दिया जिसे वो अपना खोया हुआ पति मोती चंद समझकर घर ले आई. लेकिन इसके बाद में जब मोतिचंद के शरीर पर पहले का निशान देखा गया तो वो निशान दिखाई नहीं दिया.

इसके बाद जानकी ने शंका जाहिर कि की ये उनके पति मोतिचंद नहीं है. फिर उस शख्स के बारे में पताया लगाया तो उसकी पहचना नगर थाना क्षेत्र के राहुल के रूप में हुई. इसके बाद राहुल के परिजनों से गांव के प्रधान और कुछ लोगों ने संपर्क किया और राहुल के परिजनों को बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया.

शुक्रवार को बलिया जिला अस्पताल के गेट पर राहुल को विक्षिप्त हालत में देखकर जानकी देवी ने उसे दस साल पहले गायब हुआ अपना पति मोतिचंद वर्मा मान लिया और घर ले आयी. 

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घर आने के बाद जब अगले दिन मोतिचंद के शरीर पर पहले का निशान खोजने लगी तो वह निशान दिखाई नहीं दिया. जानकी देवी का कहना है कि चेहरा मिल रहा था तो अपना पति समझ लिया लेकिन निशान देखा तो  निशान नहीं मिला. मुझसे गलती हो गई मुझे माफ कर दें.

राहुल के बारे में पता लगने के बाद इनके परिजनों से संपर्क किया गया जिसके बाद राहुल के परिजन आए और उसे अपने साथ लेकर चले गए. राहुल के परिजनों का कहना है कि राहुल करीब एक महीना पहले घर से कहीं चला गया था जिसकी सूचना नगरा थाने में भी दी गई थी.

शुक्रवार को अस्पताल के बाहर क्या हुआ था?

बता दें कि शुक्रवार को अस्पताल के बाहर मानसिक रूप से विक्षिप्त नजर आ रहे राहुल की बाल और दाढ़ी बेतरतीब ढंग से बढ़ी हुई थी. वो अस्पताल के बाहर मैले कुचैले कपड़े पहने जमीन पर उकडूं बैठा हुआ था. महिला ने उसे अपना पति समझ लिया था और बाल संवारते, शरीर को साफ करती हुई नजर आ रही थी. 

महिला इस दौरान रोते बिलखते हुए स्थानीय बोली में कहती नजर आ रही थी कि दस साल पहले लापता हो गए थे. इतने दिनों से कहां थे? क्यों चले गए थे? जैसे सवाल एक साथ पूछती नजर रही थी. हालांकि, वह शख्स कुछ भी बोल नहीं रहा था, गुमसुम ही बैठा हुआ था.

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अस्पताल में शख्स के मिलने के बाद महिला ने उस दौरान मोबाइल से घर पर बच्चों को कॉल किया और कहा कि एक कुर्ता ले आओ. इसके बाद एक युवक बाइक से आया और महिला समेत मानसिक विक्षिप्त शख्स को अपने साथ ले गया था. 

 

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