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6 मैट, स्टीम बॉथ से लेकर ह्यूमन परफॉर्मेंस लैब तक... जानें कैसा है लखनऊ का SAI कैंपस

लखनऊ स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के इस कैंपस में क्या सुविधाएं हैं? क्या वास्तव में यहां पर महिला खिलाड़ियों के साथ दुर्व्यवहार या उनके खेल के लिए अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं नहीं मिल पाती है? इसी को समझने के लिए आजतक आज लखनऊ स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Lucknow SAI) के कैंपस में पहुंच गया है. पढ़िए हमारी ग्राउंड रिपोर्ट-

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लखनऊ का SAI कैंपस
लखनऊ का SAI कैंपस

दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुश्ती के खिलाड़ी शोषण का आरोप लगाकर धरने पर बैठे हैं. साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत तमाम खिलाड़ी लखनऊ में लगने वाले कैंप को सोनीपत में शिफ्ट करना चाहते हैं. आरोप है कि लखनऊ वाले कैंपस में अंतरराष्ट्रीय सुविधा नहीं है और महिला खिलाड़ियों का शोषण होता है.

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लखनऊ स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के इस कैंपस में क्या सुविधाएं हैं? क्या वास्तव में यहां पर महिला खिलाड़ियों के साथ दुर्व्यवहार या उनके खेल के लिए अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं नहीं मिल पाती है? इसी को समझने के लिए आजतक आज लखनऊ स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Lucknow SAI) के कैंपस में पहुंच गया है. पढ़िए हमारी ग्राउंड रिपोर्ट-

2013 से लखनऊ के इस केंपस के महिला कुश्ती खिलाड़ियों के ट्रेनिंग का नोडल सेंटर है. सोनीपत में पुरुष खिलाड़ियों का नोडल सेंटर है. कैंपस में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के मानक पर रेसलिंग की प्रैक्टिस के लिए एक बड़ा हाल बनाया गया है, जिसमें 6 मैट पर एक साथ खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकते हैं. खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के बाद रिलैक्सेशन के लिए steam bath, sauna bath, chill bath बने हैं.

कैंपस में हर खिलाड़ी को उसके गेम के हिसाब से मैच में पौष्टिक आहार देने की व्यवस्था है. किस खिलाड़ी को वजन कम करना है? किसका प्रोटीन बनाना है? इसकी बकायदा मॉनिटरिंग करने के बाद डाइट दी जाती है. कैंपस में खिलाड़ियों के शारीरिक क्षमता की मॉनिटरिंग के लिए अलग से human performance lab बनी है, जिसमें महिला फिजियोथैरेपिस्ट व ट्रेनर हैं, ताकि हर खिलाड़ी की देखभाल की जा सके और उसका स्टैमिना बढ़ाया जा सके.

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महिला खिलाड़ियों के हॉस्टल एरिया में सुरक्षा के लिए जो कॉमन एरिया है, वहां पर करीब 10 सीसीटीवी लगाए गए हैं ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके. हॉस्टल के एक रूम में दो खिलाड़ी ठहरते हैं. हर रूम में टीवी, वाईफाई, एसी के साथ-साथ बाथरूम भी दिए गए हैं. जूनियर खिलाड़ियों को एक रूम में दो खिलाड़ी रोके जाते हैं, लेकिन साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसे नामचीन और सीनियर खिलाड़ियों को दो-दो रूम का अलग-अलग सुइट दिया जाता है.

रूम नंबर 116 में साक्षी मलिक का सामान अभी भी रखा है. आजतक को पूरा कैंपस दिखाने वाले लखनऊ नोडल सेंटर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजय सरस्वत ने कहा कि वो यहां बीते 3 साल से है, जब से वह यहां पर है साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत कई खिलाड़ी यहां प्रैक्टिस के लिए आते रहे हैं, लेकिन कभी किसी ने किसी भी प्रकार के शोषण की शिकायत नहीं की है.

एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजय सरस्वत ने कहा कि खिलाड़ियों की खाने से लेकर हॉस्टल में साफ-सफाई जैसी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए खिलाड़ी फोटो डाल कर शिकायत करते हैं, जिसको जल्द दूर किया जाता है लेकिन इस हॉस्टल में महिला खिलाड़ियों के शोषण की शिकायत कभी नहीं मिली.

 

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