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कुश्ती संघ की अयोध्या में आज होने वाली बैठक रद्द, खेल मंत्रालय की रोक के चलते 4 हफ्ते टली मीटिंग

अयोध्या में होने जा रही भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) कार्यकारिणी की बैठक को 4 हफ्ते के लिए टाल दिया गया है. यह फैसला खेल मंत्रालय के उस आदेश के चलते लिया गया है, जिसमें WFI के सभी कार्यों पर तत्काल रूप से रोक लगाने के लिए कहा गया था.

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बृजभूषण शरण सिंह (File Photo)
बृजभूषण शरण सिंह (File Photo)

भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) में जारी संग्राम के बीच उम्मीद की जा रही थी कि आज फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह कोई फैसला ले सकते हैं. उन्होंने रविवार (22 जनवरी) को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कुश्ती संघ की कार्यकारिणी बैठक बुलाई थी, लेकिन आज अचानक बैठक रद्द करने का निर्णय ले लिया गया. बैठक टालने का फैसला खेल मंत्रालय की रोक के चलते लिया गया. अब 4 हफ्ते तक यह बैठक नहीं होगी. तय बैठक में बृजभूषण अपना पक्ष कार्यकारिणी के सदस्यों के सामने रखने वाले थे.

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शनिवार शाम खेल मंत्रालय ने WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को अनुशासहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया था. इसके साथ ही पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने तक WFI की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई थी. खेल मंत्रालय की इस रोक के चलते ही मीटिंग टालने का फैसला किया गया. खेल मंत्री ने इस मामले पर एक निगरानी कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया था. ये कमेटी 4 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करेगी और WFI और उसके प्रमुख के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की गहन जांच करेगी.

दरअसल, जिस अयोध्या में यह बैठक बुलाई गई थी, उसे बृजभूषण के सियासी करिअर के लिहाज से काफी अहम माना जाता है. यहां के आंदोलन से जुड़कर बृजभूषण शरण सिंह राजनीति से ऐसे सफर पर निकले, जहां उन्हें अब तक कोई पटखनी नहीं दे पाया. बाबरी ढांचे के विध्वंस के मामले में बृजभूषण को भी आरोपी बनाया गया था. हालांकि CBI की स्पेशल कोर्ट से वो बरी हो गए थे. इस घटना को उनके सियासी करियर के मजबूत नींव के पत्थर के तौर पर देखा जाता है.

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क्या है कुश्ती संघ में चल रहा विवाद?

बृजभूषण शरण सिंह पर महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. उन पर भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष पद छोड़ने का दवाब बनाया जा रहा है, लेकिन वह इस्तीफा देने को राजी नहीं हैं. खेल मंत्रालय ने सभी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाते हुए WFI को गोंडा (यूपी) में चल रहे रैंकिंग टूर्नामेंट को रद्द करने का निर्देश दिया था. मंत्रालय ने इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों से लिए गए प्रवेश शुल्क को वापस करने के निर्देश भी दिए थे.

ओलंपिक संघ ने भी बनाई जांच कमेटी

इस मसले पर दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर पर पहलवान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद खेल मंत्रालय के अफसरों ने उनसे मुलाकात की. खेल मंत्री ने उन्हें डिनर पर बुलाया और बातचीत की. उनकी मांगें सुनने के बाद जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया. हालांकि, बात नहीं बनने पर पहलवान अगले दिन भी धरने पर डटे रहे. भारतीय ओलंपिक संघ ने शिकायतों को गंभीरता से लिया और सात सदस्यीय जांच कमेटी बनाने का फैसला लिया.

राज ठाकरे के अयोध्या दौरे का किया था विरोध

पिछले दिनों ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चीफ राज ठाकरे अयोध्या आने वाले थे, लेकिन बृजभूषण शरण सिंह विरोध में उतर पड़े. उन्होंने शर्त रखी कि अगर राज ठाकरे को अयोध्या आना है तो सबसे पहले उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी होगी. राज ठाकरे के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने के कारण बृजभूषण शरण सिंह खूब चर्चा में रहे यानी एक बार फिर अयोध्या ने बृजभूषण शरण सिंह को खूब शोहरत दिलाई.

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