उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस के हत्थे दो ऐसे जालसाज चढ़े हैं जो फर्जी पते पर, फर्जी संस्था बनाकर लोगों को ठगते थे. इन्होंने आम लोगों के साथ-साथ कई लोकल बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपना निशाना बनाया है. ये कभी संस्था में पद दिलाने के नाम पर ठगी करते तो कभी सीएम से मिलवाने के नाम पर.
लोग इन जालसाजों के झांसे में आ जाएं इसके लिए इन्होंने अपने नाम में 'योगी' टाइटल जोड़ रखा था. कंपनी का नाम भी 'योगी कॉर्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया' रख रखा था. इतना ही नहीं कंपनी का पता इन्होंने गोरखनाथ मंदिर दर्शाया था. इसी मंदिर के सामने ये सेल्फी क्लिक कर सोशल मीडिया पर डालते और लोगों को झांसे में लेते.
बीते सोमवार को गोरखपुर पुलिस ने जानकारी दी कि 'योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया' नामक संस्था बनाकर लोगों को बीजेपी संगठन में पद दिलाने का वादा करने वाले दो घोटालेबाजों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाने के लिए अपने नाम के साथ 'योगी' और पते के रूप में गोरखनाथ मंदिर का उल्लेख किया है.
गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
मामले में पुलिस अधीक्षक (शहर) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि गाजियाबाद निवासी हर्ष चौहान उर्फ योगी हर्षनाथ और महाराजगंज निवासी योगी केदारनाथ उर्फ केदारनाथ अग्रहरि को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है. साथ ही उनका बैंक खाता भी सीज कर दिया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घोटालेबाजों ने 13 दिसंबर को 'योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया' के नाम से एक 'एमएसएमई' बनाई और अपने दावे को अधिक प्रामाणिक बनाने के लिए पता गोरखनाथ मंदिर का दे दिया. इतना ही नहीं दोनों घोटालेबाजों ने अपने नाम के आगे 'योगी' टाइटल जोड़ लिया था.
बैंक खाता जब्त
कृष्ण कुमार बिश्नोई ने आगे बताया कि पकड़े गए दोनों जालसाज पूरे देश में 1100 रुपये प्रति वर्ष पर सदस्यों का फर्जी नामांकन कर रहे थे. वो उन्हें फर्जी आइकार्ड आदि पकड़ा देते थे और उनसे पैसे ले लेते थे. कुछ ही दिनों में दोनों ने मोटी रकम जमा कर ली. हालांकि, अब उनका बैंक खाता जब्त कर लिया गया है.
क्या-क्या बरामद हुआ
पुलिस अधीक्षक बिश्नोई के मुताबिक, पुलिस को दोनों जालसाजों के पास से 87 फर्जी नियुक्ति पत्र, 83 नकली लेटरहेड, आठ आवेदन पत्र, सीएम के जनता दर्शन में शामिल होने के अनुरोध वाले पत्र, दो मोबाइल फोन और फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुए हैं. आम लोगों की समस्याओं से संबंधित कुछ पत्र भी बरामद किये गए हैं.
बीजेपी नेत्री ने की थी शिकायत
बता दें कि कानपुर बीजेपी की 'मंडल मंत्री' रंजना सिंह की शिकायत पर पुलिस हरकत में आई थी. रंजना सिंह को 'योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया' द्वारा उच्च पद देने का वादा किया गया था. लेकिन इसी बीच रंजना संस्था की हकीकत जान गईं. उन्होंने गोरखपुर के कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसके कुछ दिन बाद दोनों आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई.
अपनी शिकायत में रंजना सिंह ने कहा कि उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप पर 'योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया' से जुड़ने के लिए एक लिंक मिला था. कुछ ही समय बाद आरोपी केदारनाथ ने फोन किया और आधार कार्ड की एक प्रति, एक फोटो और पैसे की मांग की. बदले में आईडी कार्ड भेजा गया, जिसे देखने के बाद जालसाजी का खुलासा हुआ.