महाकुंभ 2025 का समापन हो चुका है, लेकिन संगम की आस्था की लहर अभी भी जारी है. करोड़ों श्रद्धालुओं ने इस महापर्व में संगम स्नान कर पुण्य अर्जित किया, लेकिन कई लोग ऐसे भी रहे जो किसी कारणवश इस धार्मिक अवसर पर स्नान करने नहीं आ सके. ऐसे श्रद्धालुओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अनोखी पहल की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सभी 75 जिलों में संगम का पवित्र जल भेजा जाएगा.
इस महायोजना को अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग के माध्यम से लागू किया जा रहा है. अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पद्मजा चौहान ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) प्रमोद शर्मा को निर्देश दिए हैं कि प्रयागराज में महाकुंभ ड्यूटी पर तैनात सभी फायर टेंडर अपने-अपने जिलों में लौटते समय संगम का जल लेकर जाएं और इसे जिले में श्रद्धालुओं तक पहुंचाने की व्यवस्था करें.
महाकुंभ 2025 के समापन के बाद प्रयागराज में तैनात फायर टेंडर अब अपने-अपने जिलों में लौटना शुरू करेंगे. इस दौरान वे अपने साथ संगम का जल लेकर जाएंगे, जिसे स्थानीय प्रशासन और धार्मिक संगठनों के माध्यम से श्रद्धालुओं तक वितरित किया जाएगा. राज्य सरकार का मानना है कि संगम का जल केवल प्रयागराज में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है. इसलिए, जो लोग महाकुंभ में स्नान से वंचित रह गए, वे भी इस पवित्र जल को प्राप्त कर अपनी धार्मिक आस्था को पूरा कर सकें.
हर जिले में होगी विशेष व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को लेकर अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों के पुलिस प्रशासन और अग्निशमन विभाग इस कार्य में पूरी तत्परता से जुटें. इस पूरी योजना को सफल बनाने के लिए अग्निशमन विभाग, स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, और धार्मिक संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है.
सरकार की पहल – हर घर पहुंचे आस्था का जल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन करार दिया और इस महायोजना में शामिल सुरक्षा बलों, पुलिसकर्मियों और सरकारी तंत्र की कड़ी मेहनत की सराहना की. इसी क्रम में उन्होंने संगम जल वितरण अभियान को उत्तर प्रदेश के हर जिले तक पहुंचाने की पहल की है, ताकि श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान हो सके.इस योजना के तहत, जल केवल वितरण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह आस्था का एक प्रतीक बनकर हर जिले तक पहुंचेगा.