उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के लखनऊ स्थित आवास पर दो महीने पहले हुई चोरी के सिलसिले में पुलिस ने उनके बेटे के ड्राइवर को गिरफ्तार किया है. रामजीत राजभर को मंगलवार सुबह अंबेडकर टांडा स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया और उससे मंत्री के घर से गायब पैसों के बारे में पूछताछ की गई.
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रामजीत राजभर ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा के महासचिव अरविंद राजभर का ड्राइवर है. 2 सितंबर को अरविंद राजभर के घर से 2.75 लाख कैश चोरी हुआ था. पुलिस ने बताया कि टांडा कोतवाली क्षेत्र के पहाड़पुर से रामजीत राजभर को गिरफ्तार किया है.
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हुसैनगंज पुलिस आरोपी रामजीत राजभर को लखनऊ लेकर आ रही है. उसके खिलाफ हुसैनगंज थाने में FIR दर्ज कराई गई है. आरोपी की पत्नी ने बताया कि पुलिस रामजीत को तलाशने आई थी. वे उसे यह कहकर ले गए कि मामला पैसों का है. बाद में वे उसे लेकर वापस आए और पूरे घर की तलाशी ली.
जानें पूरा मामला?
पुलिस को राजभर के बेटे के एक अन्य ड्राइवर की तरफ से शिकायत दी गई थी. जिसमें कहा गया कि सादर अवगत कराना है कि मैं प्रार्थी संजय राजभर पुत्र राधाकिशुन राजभर, ग्राम कोटवारी, थाना- रसडा, जनपद बलिया का निवासी हूं. मैं विगत 10 वर्षों से अरविन्द राजभर (103/104, डायमण्ड अपार्टमेंट पुराना किला सदर बाजार, लखनऊ) के यहां बतौर चालक नौकरी करता हूं. मैं पिछले महीने मेंदाता अस्पताल लखनऊ में अपना मुंह के कैंसर का ऑपरेशन कराया था. डिस्चार्ज के बाद अपनी पत्नी के साथ 103/104, डायमण्ड अपार्टमेंट पुराना किला सदर बाजार, लखनऊ में रहकर फलोअप करा रहा हूं.
दिनांक 02.09.2024 को सुबह लगभग 09 बजे चालक रामजीत राजभर पुत्र संत राम राजभर, ग्राम मोहिउद्दीनपुर जगदीशपुर जनपद अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश का रहना वाला डायमण्ड अपार्टमेंट आया और मुझसे पूछा की अभी तुम यहां कब तक हो. इस पर मैंने उसको बताया की आज मुझे वापस आने में ज्यादा समय लग जाएगा क्योंकि आज बहुत जांच होनी है शाम भी हो सकती है. इसके बाद वह अपने काम से कहीं चला गया और उसके थोड़ी देर बाद मैं अपनी पत्नी के साथ अस्पताल चला गया. लगभग 09:56 बजे मुझसे पूछा की चाबी कहां रख के गये हो, मैं आया हूं. मैंने उससे बताया की चाबी गार्ड के पास है तुम जाकर ले लो.
शाम को लगभग चार बजे जब मैं वापस आया और दरवाजा खोलकर अन्दर गया तो देखा की अन्दर का सभी सामान बिखरा पड़ा था. मेरे रूम में रखा बैग का चैन भी खुला हुआ था. जिसमें इलाज के लिए तीन लाख रुपये रखे थे. जिसमें से 25,000 रुपये लेकर अस्पताल गया था शेष 2,75,000 रुपये और पत्नी की सोने की 01 चैन वजन लगभग 18 ग्राम, दो सोने की अंगूठी वजन लगभग तीन-तीन ग्राम की गायब थी.
जब मैं रामजीत राजभर के नम्बर पर फोन लगाने लगा तो उसका नम्बर बंद बता रहा था. तब मैं इस घटना की सूचना पार्क रोड आधर्म चौधरी को बताया. उन्होंने बताया कि तुम घबराओं मत उसको ढूंढकर तुम्हारा पैसा वापस कराया जाएगा. पता लगाया जाएगा कि वह कहां गया है. पार्क रोड पर खाना बनाने वाला उसका परिचित गोरख साहनी पुत्र ग्धू ग्राम-धानीगांव, जनपद- महाराजगंज ने कहा कि मैं रामजीत को जानता हूं एवं उसके घर भी गया हूं. तुम घबराओं मत शांत रहो तुम्हारे साथ उसके गांव चलकर पैसा दिलवाऊंगा. मैं गोरख पर विश्वास कर डायमण्ड वापस चला आया. जब दूसरे दिन गोरख से मिलने पार्क रोड आया तो देखा की गोरख यहां नहीं है और उसका फोन भी बंद है.
मैं उसके नम्बर पर बार-बार फोन मिलाया लेकिन हर बार फोन बंद ही बता रहा था. मुझे विश्वास है कि चालक रामजीत राजभर एवं गोरख साहनी मिलकर मेरा पैसा एवं जेवरात चुराए हैं. अतः पुलिस से अनुरोध है कि चालक रामजीत राजभर एवं कुक गोरख साहनी के ऊपर प्रथम सूचना रिपार्ट दर्ज कर शीघ्रताशिघ्र कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि मेरे पैसे एवं जेवरात की बरामदगी हो सके.