उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार एक्शन ले रही है. हमीरपुर जिले में एक लेखपाल और जूनियर असिस्टेंट का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. इन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.
हमीरपुर में एक चकबंदी लेखपाल और एक जूनियर असिस्टेंट को रिश्वतखोरी के मामले में संलिप्त पाए जाने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करने के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.
इसके अलावा दोनों को बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मामला तब सामने आया जब चकबंदी लेखपाल प्रखर चौधरी और जूनियर असिस्टेंट प्रशांत पांडे का रिश्वत लेने और देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
इस मामले में सहायक चकबंदी अधिकारी खालिद अंजुम ने जांच की, जिसमें दोनों अधिकारियों को शुरुआती जांच में दोषी पाया गया. अंजुम ने अपनी रिपोर्ट बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी हमीरपुर को सौंपी, जिन्होंने बाद में कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया. उनके खिलाफ विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की और उन्हें बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी कार्यालय से संबद्ध कर दिया.
चकबंदी अधिकारी विमल कुमार और जेके पुष्कर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. अपर चकबंदी आयुक्त अनुराग पटेल ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.