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अयोध्या में राम मंदिर की तर्ज पर बनेगा योगी मंदिर, लगेगी CM योगी की 101 फीट ऊंची प्रतिमा

अयोध्या के कल्याण भदरसा के मौर्य का पुरवा में 50 फिट चौड़ा और लंबा यह श्री योगी मंदिर लगभग 4 करोड़ में बनकर तैयार होगा. 24 फरवरी को मंदिर की जमीन के लिए भूमि पूजन किया जाएगा. इसके लिए राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास को भूमि पूजन के लिए आमंत्रित किया गया है.

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इससे पहले अयोध्या में सरकारी जमीन पर योगी मंदिर बना दिया गया था.
इससे पहले अयोध्या में सरकारी जमीन पर योगी मंदिर बना दिया गया था.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के तर्ज पर योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनने जा रहा है. इसमें योगी आदित्यनाथ का यह मंदिर 101 फीट ऊंचा होगा और इसकी निर्माण लागत लगभग चार करोड़ रुपए होगी. 24 फरवरी को इस का भूमि पूजन किया जाएगा. इस मंदिर का निर्माण कराने वाले प्रभाकर मौर्य इसके पहले भी सरकारी भूमि में योगी मंदिर बना कर विवादों में आ चुके हैं.

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अयोध्या के कल्याण भदरसा के मौर्य का पुरवा में 50 फिट चौड़ा और लंबा यह श्री योगी मंदिर लगभग 4 करोड़ में बनकर तैयार होगा. 24 फरवरी को मंदिर की जमीन के लिए भूमि पूजन किया जाएगा. इसके लिए राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास को भूमि पूजन के लिए आमंत्रित किया गया है.

निमंत्रण की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रजिस्टर्ड पत्र भेजा गया है. हालांकि साधु संतों के अतिरिक्त किसी भी भाजपा नेता के इस कार्यक्रम में शामिल होने की बात सामने नहीं आई है. इसके पीछे प्रभाकर मौर्य और योगी मंदिर को लेकर पहले हुए विवादो का नाता है.

5 वर्ष में होगा निर्माण, लेकिन फिर भी है चर्चा में

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श्री योगी मंदिर का निर्माण कार्य अगले 5 साल में अर्थात 2027 तक पूरा होगा लेकिन यह बनने से पहले ही चर्चा में है. सपा मुखिया अखिलेश यादव हो या अन्य विपक्षी पार्टी के नेता सभी के विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं. वहीं निर्माण करने वाले प्रभाकर मौर्य अपने आपको योगी भक्त बताते हैं और कहते है योगी आदित्यनाथ उनके लिए गुरु और भगवान दोनों है.

प्रभाकर मौर्य और योगी मंदिर का रहा है विवादो से नाता
 
'योगी भक्त' बताने वाले प्रभाकर मौर्य और उनके श्री योगी मंदिर का विवादों से गहरा नाता रहा है. इसके पहले प्रभाकर मौर्य ने सरकारी भूमि पर श्री योगी मंदिर बनाकर उसमें योगी आदित्यनाथ की मूर्ति स्थापित कर पूजा और आरती शुरू की थी, तब भी इसको लेकर खूब चर्चा हुई थी. हालाकि चंद दिन बाद ही प्रभाकर मौर्य के चाचा ने ही सरकारी जमीन पर मंदिर निर्माण का आरोप लगाया था.

उनका दावा था कि जिस भूमि में मंदिर का निर्माण हुआ है वह सरकारी थी और लंबे समय से परिवार के सामूहिक कब्जे में रही थी, लेकिन योगी मंदिर बनाकर प्रभाकर मौर्य ने अकेले जमीन पर कब्जा कर लिया है. इसके बाद विभागीय जांच हुई और स्थानीय पुलिस मंदिर से मूर्ति उठा ले गई और भूमि पैमाईश के बाद प्रभाकर मौर्य को प्रशासन ने किसी भी प्रकार के निर्माण और कार्य करने से रोक दिया गया था. अब उसी से सटे अपनी निजी फार्म हाउस की जमीन पर प्रभाकर मौर्य एक बार फिर भव्य श्री योगी मंदिर का निर्माण करने जा रहे हैं.

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