छत्तीसगढ़ सरकार मछली पालकों को तालाब और जलाशयों को 10 साल के लीज पर देती है.
इसका फायदा उठा कर मछली पालक अपना मुनाफा कई गुना बढ़ा सकता है.
अधिकतर जगहों पर तालाब और जालाशयों को नीलाम किया जाता है. इसे नीलामी में खरीदने पर मछली पालक पर आर्थिक दबाव पड़ता है.
10 साल के लीज पर तालाब और जलाशयों को लेकर ग्रामीण मछली पालन कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
नीलामी में तालाब नहीं लेने पर मछली पालन में किसान की लागत भी कम पड़ेगी.
तालाब के पट्टे के आवंटन में ढीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाती है.
साथ ही, एससी-एसटी वर्ग के मछुआ समूहों और मत्स्य सहकारी समिति को भी इस योजना का लाभ दिया जाता है.