चक्रवात बिपरजॉय का सबसे ज्यादा असर कच्छ क्षेत्र के किसानों पर देखने को मिला.
खेतों में कटने को तैयार खड़ी फसल को हवा ने बर्बाद कर दिया और अब रोजी-रोटी की चिंता बढ़ गई है.
केसर आम जामनगर, जूनागढ़, कच्छ में उगाए जाने वाले तटीय गुजरात क्षेत्र में आम की सभी नस्लों में राजा है.
चक्रवात से पूरी फसल बर्बाद हो गई है. 90 प्रतिशत से अधिक आम की फसल हवा की वजह से ही नष्ट हो गई.
यहां के किसान का कहना है कि इस फसल का बाजार में कोई खरीदार नहीं है और न ही पड़ी हुई उपज को उठाने के लिए कोई मजदूर है.
उनका कहना है कि 12 लाख रुपये से ज्यादा की फसल खराब हो गई है और अब ये बेचने काबिल भी नहीं बची है.
बता दें कि इन आमों की न केवल घरेलू स्तर पर भारी मांग है बल्कि अमेरिका और यूरोप सहित पश्चिम में भी निर्यात किया जाता है.