पशुपालन और डेयरी के कारोबार से अगर कमाई करना है तो पशुओं को हरा चारा जरुर खिलाएं.
एक गाय-भैंस को औसतन 20-30 किलो हरे चारे की जरुरत होती है.
भारत में हरे चारे की करीब 30 फसलों की 200 उन्नत किस्में मौजूद हैं.
इनमें बरसीम, चरी, जई, चुकंदर, नैपियर घास, चारा सरसों, गिनी ग्रास प्रमुख हैं.
भारत में ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को फसल अवशेष (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा आदि का बचा भाग) खिलाते हैं.इससे पशुओं को पोषण नहीं मिल पाता है. इसका असर दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ता है
हरा चारा पशुओं का प्राकृतिक आहार है. हरे चारे से पशुओं को दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल आदि भरपूर मात्रा में मिलते हैं,जिन्हें पशु आसानी से पचा जाते हैं.
हरा चारा खाने से मवेशियों में दुग्ध उत्पादन बढ़ता है. दुग्ध उत्पादन बढ़ने से पशुपालकों की आय में भी इजाफा होगा.