बिहार के किसान मॉनसून की बारिश के साथ ही सिंघाड़े की बुआई करना शुरू कर चुके हैं.
आमतौर पर छोटे तालाबों, पोखरों में सिंघाड़े का बीज बोया जाता है.
हर साल मॉनसून के वक्त सिंघाड़ा की खेती की शुरुआत की जाती है.
दिसंबर तक सिंघाड़े की फसल से बढ़िया मुनाफा कमाया जा सकता है.
इसको लेकर किसान जनवरी और फरवरी के महीने में नर्सरी तैयार करते हैं.
सिंघाड़े के बीज से पौधा तैयार होने में करीब दो महीने का समय लगता है.
इसकी बुआई जून-जुलाई में की जाती है. वहीं पौधा लगाने के तकरीबन तीन महीने बाद फल देना शुरू हो जाता है.
सिंघाड़े के पौधे में से एक-एक मीटर लंबी बेल तोड़ कर उन्हें तालाब में रोप देना चाहिए.
इसकी नर्सरी के लिए पके हुए फलों को बीज के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
सिंघाड़ा किसानों के लिए कमाई का अच्छा विकल्प है. अगर किसान इसकी खेती एक कट्ठे में करते हैं तो उन्हें करीब दो क्विंटल से अधिक का उत्पादन मिलता है.
इससे वह आराम से 2 से 3 लाख तक का मुनाफा कमा सकता है.