जर्मनी के सूखे इलाकों में उगने वाले ब्लूकॉन नाम फूल की खेती अब भारत में भी होने लगी है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बुंदेलखंड और झांसी का जलवायु इस फूल की खेती के लिए उपयुक्त है.
यह फूल दवाई बनाने के साथ ही सजावट के भी काम आता है.
यह फूल दवा बनाने के साथ ही सजावट के भी काम आता है.
इसके पौधे से 1 दिन में 15 किलो से अधिक फुल निकलते हैं.
नवंबर के महीने से नर्सरी में इन पौधों को तैयार करना शुरू कर दिया जाएगा.
फरवरी के महीने में फूल आने लगते हैं. इस फूल को दवाई बनाने वाली कंपनियां भी खरीदती हैं.
अगर आप एक बीघे में इसकी खेती करते हैं, तो आप रोज 15 किलो तक फूल तोड़ सकते हैं.
इस हिसाब से आप इस फूल की खेती से महीने में 5 लाख से ज्यादा का मुनाफा कमा सकते हैं.