इस आधुनिक युग में कृषि यंत्रों ने खेती को काफी आसान बना दिया है.
किसानों को फसल की कटाई या दवा का छिड़काव करने में काफी समय एवं मजदूरी अधिक देनी पड़ती थी.
धीरे-धीरे मशीनों पर निर्भरता ने खेती-किसानी को काफी सरल बना दिया है. उन्हीं मशीनों में एक कृषि ड्रोन है.
ड्रोन मशीनों से 6 मिनट में करीब एक एकड़ तक दवा का छिड़काव आसानी से हो जाता है.
कृषि ड्रोन की मदद से फसल में लगने वाले कीट-रोग की भी जानकारी किसान आसानी से ले सकते हैं. ड्रोन में कैमरा लगाकर फसल की निगरानी की जा सकती है.
फसल के जिस हिस्से में कीट-रोग लगे हों उस जगह की तस्वीरें कैप्चर करता है, जिससे समय पर रोकथाम के उपाय किए जाते हैं.
किसान कृषि ड्रोन को व्यवसाय के तौर पर भी शुरू कर सकते हैं. इससे बेहतर कमाई कर सकते हैं.
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो वह महीने में 20 हजार रुपये या उससे अधिक तक की कमाई कर सकते हैं.
केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा ड्रोन पायलट बनने की ट्रेनिंग भी देता है.
इससे सरकार द्वारा कृषि ड्रोन पर सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत और ओबीसी, एससी/एसटी के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है.