खेती में रासायनिक खादों के ज्यादा इस्तेमाल से उसकी मिट्टी पर काफी बुरा असर पड़ा है.
देश के कई राज्यों में खेत की मिट्टी की खराब हो रही है.
ऐसे में खेती भी बड़े स्तर पर प्रभावित हो रही है. इसके चलते फसल उत्पादन में भी भारी गिरावट दर्ज की जा रही है.
यहां हम आपको बंजर हो रही जमीन की उत्पादकता बढ़ाने का तरीका बताएंगे.
स्वायल साइंटिस्ट बता रहे हैं कि खेती में अधिक रासायनिक खादों का इस्तेमाल कम करना होगा.
हरी खाद का इस्तेमाल करना होगा. जमीन में केंचुओं की संख्या बढ़ाने के लिए वर्मी खाद और गोबर की खाद को बढ़ाना होगा.
फसल विविधिकरण की प्रकिया अपनाने से किसान जल्दी अपने खेतों की उर्वरकता को दोबारा वापस पा सकेगा.
वर्मी कम्पोस्ट का खेतों में इस्तेमाल करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है. इससे मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ने लगती है, नतीजतन खेत में नमी अधिक दिनों तक बनी रहती है.
वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल करने से मिट्टी में जीवाणुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है. इससे उर्वरा शक्ति बढ़ती है.
हरी खाद खेती की उर्वरा शक्ति बढ़ा सकती है. हरी खाद को मिट्टी में दबाने के 2 सप्ताह के अंदर मुख्य फसल की बुवाई करनी चाहिए.