देश में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
ज्यादातर किसान आलू की पारंपरिक खेती ही करते हैं.
कई बार बारिश और सूखा के कारण फसल बर्बाद भी हो जाती है.
कई इलाकों में मिट्टी की कमी भी फसल की उत्पादकता को कम कर देती हैं.
इन सभी परेशानियों को आलू की आधुनिक खेती से दूर किया जा सकता है.
हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र ने एरोपॉनिक तकनीक विकसित की थी.
मध्य प्रदेश बागवानी विभाग से एरोपॉनिक विधि से आलू उगाने के लिए लाइसेंस मिलता है.
इस तकनीक में एक ढांचा तैयार किया जाता है, जिसमें आलू के तैयार पौधों की रोपाई जमीन पर ना करके ऊंचाई पर यानी हवा की जाती है, जिससे कि जड़ें हवा में लटकती रहें.
इस विधि में खाद-मिट्टी की कोई जरूरत नहीं पड़ती. आलू के पौधे लगाने के बाद जड़ों को पानी के जरिए पोषक तत्त्व पहुंचाए जाते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक के जरिए खेती करने पर आलू का उत्पादन 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.