अगर किसान एक ही जगह पर खेती करने के साथ-साथ बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन करना शुरू कर दें तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है.
इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग भी ऐसी ही एक तकनीक है. इस तकनीक की खेती करके किसान कई गुना मुनाफा बढ़ा सकता है.
किसान इस तकनीक में मुख्य फसल के साथ-साथ उसी खेत में या उसके आस-पास गाय-भैंस, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम, सब्जी-फल, मशरूम की खेती एक ही जमीन पर करता है.
ऐसा करने से किसानों की एक फसल पर निर्भरता कम हो जाती है. इसके अलावा पशुओं के चारे और फसल के खाद के लिए किसानों को अलग से राशि नहीं खर्च करनी पड़ती है.
पशुओं के लिए चारा खेत में ही पैदा हो जाता है. पशुओं का अपशिष्ट खाद बनाने के काम आ जाता है.
अगर आप मछली पालन कर रहे हैं तो इसके आहार खेत और डेयरी से मिल जाते हैं.
अगर आप धान की फसल लगा रहे हैं तो आप उसके किनारे-किनारे फूलों की खेती कर सकते हैं.
इसके अलावा पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल होने वाली घास की फसल भी लगा सकते हैं.
खेतों के किनारे एक गड्ढ़ा खोदकर आप उसमें मछली पालन कर सकते हैं.
खेतों के आसपास ही आप सब्जियां लगा सकते हैं.