'प्रिसिजन फार्मिंग' कृषि करने का ऐसा विदेशी तरीका है जो फसलों और मिट्टी के मैनेजमेंट को आसान करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है.
इसके लिए मौसम, मिट्टी की स्थिति और फसल की वृद्धि पर डेटा जमा किया जाता है.
इसके लिए सेंसर, ड्रोन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है.
बुआई, उर्वरक की जरूरत और सिंचाई के बारे में अधिक इन्फॉर्म्ड डिसीजन लेने के लिए इस 'डेटा का विश्लेषण' किया जाता है.
इस डेटा के आधार पर किसान बेहतर तरीके खेती कर सकता है. उसे जानकारी होगी उसके फसल के लिए किन तत्वों की जरूरत है.
नतीजतन, हम रिसोर्स का बेहतर इस्तेमाल कर पाते हैं और फसल का नुकसान भी कम होता है.
एकदम माइक्रो लेवल पर रिसोर्स अप्लाई किए जाते हैं. इससे लागत कम आती है.
इससे मुनाफे में भी कई गुना की वृद्धि भी हो जाती है.