पूसा इंस्टीट्यूट ने खरीफ और सब्जी फसलों को लेकर किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है.
साप्ताहिक मौसम पर आधारित यह एडवाइजरी 10 सितंबर तक के लिए है. इसमें खासतौर पर धान की फसल पर फोकस किया गया है.
धान की फसल में इस वक्त कई तरह से रोग लगते हैं उसका मैनेजमेंट करने के लिए किसानों को सलाह दी गई है.
वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगले पांच दिन के मौसम को देखते हुए सभी खड़ी फसलों तथा सब्जियों में जरूरत के अनुसार सिंचाई करें.
इसी के साथ खरपतवारों को कंट्रोल करने के लिए निराई-गुड़ाई का काम भी करें.
फसल में कीटों की निगरानी करें. तना छेदक कीट की निगरानी के लिए फिरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल करें.
प्रति एकड़ 3-4 ट्रैप का इस्तेमाल करें. यदि तना छेदक कीट का प्रकोप अधिक हो तो कारटाप 4% दानें 10 किलोग्राम प्रति एकड़ का बुरकाव करें.
इस समय धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट होपर का आक्रमण शुरू हो सकता है.
इसलिए किसान भाई खेत के अंदर जाकर पौध के निचली भाग के स्थान पर मच्छरनुमा कीट का निरीक्षण करें.
यदि प्रकोप अधिक दिखाई दें तो इमिडाक्लोप्रिड दवाई 1.0 मिली प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.