बाजरा इंसानों के साथ-साथ पशुओं की सेहत को बेहतर करने में अहम रोल अदा कर सकता है.
अधिकतर पशुपालक पशुओं को बाजरा के फसल अवशेष खिलाते हैं, लेकिन भूसी-हरे चारे के साथ कुछ मात्रा में बाजरा खिलाने से पशुओं का पाचन तंत्र मजबूत बनता है.
इससे पशुओं के लिवर संबंधी रोगों को भी दूर किया जा सकता है.
यह पशुओं की कमजोरी दूर करता है और बेहतर दूध उत्पादन लेने में भी काफी मदद मिलती है.
पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई अलग से दवा नहीं आती, लेकिन बाजरा अपने आप में हेल्दी-नेचुरल टॉनिक के तौर पर काम करता है.
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए बाजरा और मेथी को 4 से 5 दिन तक अंकुरित करके खिलाने की सलाह दी जाती हैं.
आप चाहें तो बाजरे के आटे की लोहियां बनाकर भी सीमित मात्रा में पशुओं को दे सकते हैं.
बाजरा को पकाकर या दलिया के तौर पर या फिर पानी में मिलाकर भी बाजरा पशुओं को पिला सकते है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि गाय-भैंस को 1 से 2 किलोग्राम बाजरा खिलाना हेल्दी रहता है. इसमें कुछ मात्रा में नमक जोड़ने पर पशुओं में फुर्ती भी बनी रहती है.
कई बार अधिक दूध उत्पादन लेने के चक्कर में पशुपालक अधिक मात्रा में पशुओं को बाजरा खिला देते हैं, जिससे पशुओं की सेहत पर उल्टा असर होने लगता है.