जलवायु परिवर्तन का प्रभावों पर्यावरण के साथ किसानों पर भी पड़ रहा है.
इसका सबसे बुरा असर हमारे पर्यावरण और खेती पर पड़ रहा है.
बांग्लादेश में खेती का सबसे बुरा हाल था. समुद्र से घिरे रहने के चलते यहां की जमीन पर पानी और नमक की मात्रा ज्यादा है.
ऐसे में यहां की बंजर जमीनों पर खेती करना संभव नहीं होता.
किसानों ने फ्लोटिंग और मचान पद्धति से सब्जी की खेती शुरू की.
इस तकनीक में तालाबों में तैरती सब्जी की खेती की जाती है.
तालाब के ऊपर बांस और लकड़ी के फ्लोटिंग स्ट्रक्चर बनाए जाते हैं.
फिर मचान के ऊपर सब्जियां उगाई जाती हैं. इससे फसल में नमक नहीं पहुंच पाता और बेहतर उत्पादन मिलता है.