इस बीमारी से हफ्ते भर में बकरियों की हो जाती है मौत, उपचार का है सिर्फ ये तरीका

 29 October, 2023

कई बार बकरियां में पैरामाइक्सोवायरस के फैलने से पीपीआर नामक जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो जाती हैं.

PPR को 'बकरियों में महामारी' या 'बकरी प्लेग' के रूप में भी जाना जाता है. 

इस बीमारी में मृत्यु दर आमतौर पर 50 से 80 प्रतिशत होती है, जो बहुत गंभीर मामलों में 100 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. 

यह रोग होते ही भेड़-बकरियों में बुखार, मुंह के छाले, दस्त और निमोनिया हो जाता है, जिससे कभी-कभी इनकी मृत्यु हो जाती है.

एक अध्ययन के अनुसार भारत में बकरी पालन क्षेत्र में पीपीआर रोग से सालाना साढ़े दस हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है.

PPR रोग मुख्य रूप से कुपोषण और परजीवियों से पीड़ित मेमनों, भेड़ों और बकरियों में बहुत गंभीर और घातक साबित होता है.

इससे इनके मुंह से अत्यधिक दुर्गंध आना और होठों में सूजन आनी शुरू हो जाती है.

आंखें और नाक चिपचिपे या पुटीय स्राव से ढक जाते हैं, आंखें खोलने और सांस लेने में कठिनाई होती है कुछ जानवरों को गंभीर दस्त और कभी-कभी खूनी दस्त होते हैं.

पीपीआर रोग गर्भवती भेड़ और बकरियों में गर्भपात का कारण भी बन सकता है.

ज्यादातर मामलों में बीमार भेड़ और बकरी संक्रमण के एक सप्ताह के भीतर मर जाते हैं. पीपीआर को रोकने के लिए भेड़ और बकरियों का टीकाकरण ही एकमात्र प्रभावी तरीका है.