कच्चे फलों को जल्दी पकाने के लिए अपनाएं ये तकनीक, होगा बढ़िया फायदा

26 Sept 2023

By:  आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

अक्सर पके हुए फल ट्रांसपोर्टेशन और भंडारण के दौरान खराब हो जाते हैं. 

इसके चलते बागवानों को नुकसान उठाना पड़ता है.

हालांकि, अब फ्रूट राइपनिंग के लिए कोल्ड स्टोरेज का निर्माण भी करा सकते हैं. इसके लिए किसानों को सरकार सब्सिडी देती है.

कोल्ड स्टोरेज में फलों को पकाने के लिए  उसे पहले ही पेड़ से तोड़ लिया जाता है, जिसके बाद लंबे समय तक फलों को स्टोर और ट्रांसपोर्ट किया जा  सकता है. 

कोल्ड स्टोरेज के चैंबरों में एथिलीन नामक गैस छोड़ी जाती है, जो फलों को पकने में मदद करती है. 

इस तरह फल 4 से 5 दिन में पक जाते हैं और फलों का रंग-रूप भी ठीक हो जाता है.

हालांकि, फलों को पकाने के कई पारंपरिक विधियां भी होती है, लेकिन इस आधुनिक तकनीक से फलों के सड़ने-गलने का खतरा कम होता है. 

इस तकनीक का इस्तेमाल आम,पपीता, केला, सेब जैसे कई फलों को पकाने के लिए किया जाता है.