गाय-भैंसों के पेट में अक्सर कीड़े की समस्या आती है.
ये कीड़े गाय-भैंस का भोजन और खून चूसते हैं. इससे वे कमजोर और बीमार हो जाते हैं.
गोबर में दुर्गंध आना, गोबर में कीड़े निकलना, बार-बार डायरिया होना, भूख-प्यास कम लगना, दुग्ध उत्पादन में कमी आना, पेट फूलना गाय-भैंस में कीड़े होने का मुख्य लक्षण है.
गाय-भैंस के पेट में कीड़े ना हो इसके लिए कम से कम 2 बार कृमिनाशक दवा (डीवर्मिंग) देना चाहिए.
छोटे पशुओं की हर 3 महीने में और व्यस्क पशुओं की हर 4 महीने के अंतराल पर कृमिनाशक दवा (डीवर्मिंग) दें.
घरेलु उपचार के तौर पर पशुओं के आहार में नीम के पत्तों को शामिल करें.
अगर गाय-भैंस की हालत सही भी लग रही है तो भी हर तीन महीने में एक बार उनके पेट की जांच करा लें.