फसलों को शीतलहर के प्रकोप से कैसे बचाएं, मौसम विभाग ने जारी की एडवाइजरी

17 Jan 2024

उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप जारी है. कोहरे और शीतलहर की वजह से इंसानों और जानवरों को ही नहीं बल्कि फसलों को भी नुकसान पहुंचता है. 

Image: Freepik

मौसम विभाग ने शीतलहर से फसलों को बचानें के लिए एडवाइजरी जारी की है, ताकि किसान इस मौसम से अपनी फसलों को बचा सकें. 

फसलों को ठंड की चपेट से बचाने के लिए शाम के समय हल्की सिंचाई करें. किसान ऐसे मौसम में सिंचाई करने के लिए स्प्रींकलर का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

Image: Freepik

पॉलिथीन शीट, बोरी या सरकंडे से नए फलों और सब्जियों को ढक दें. केले को ढकने के लिए छिद्रयुक्त पॉलिथीन बैग्स का उपयोग करें.

Image: Freepik

चावल की फसल को बचाने के लिए नर्सरी बेड्स को रात के समय पॉलिथीन शीट से ढक दें और सुबह हटा दें. शाम को फसल की सिंचाई करें और सुबह पानी निकाल दें.  

Image: Freepik

सरसों, राजमा और चने की फसलों को ठंड से बचाने के लिए 1 लीटर सल्फ्यूरिक एसिड को 1000 लीटर पानी में मिलाएं या 500 ग्राम थियुरिया को 1000 लीटर पानी में मिलाएं और फसलों पर छिड़काव करें. 

फरवरी माह के अंत तक या मार्च की शुरुआत में फसलों के प्रभावित हिस्सों की छंटाई करें. उसके बाद फसलों पर कॉपर फफूंदनाशक का छिड़काव करें और सिंचाई करते समय पानी में एनपीके डालें.

ठंड के मौसम में मिट्टी में पोषक तत्व ना डालें क्योंकि जड़ों के खराब होने के कारण पौधे पोषक तत्वों को आगे नहीं बढ़ा पाते. 

Image: Freepik

मिट्टी की छेड़छाड़ ना करें, क्योंकि मिट्टी को हिलाने से ढीली सतह निचली सतह से गर्मी के प्रवाह को कम करती है. 

Image: Freepik