खरीफ का ज्वार पशुओं का बेहतरीन व न्यूटीशियस चारा माना जाता है.
हालांकि, इसमें पाया जाने वाला तत्व धूरिन साइनाइड पशुओं के पेट में जहर पैदा कर सकता है.
बारिश से पहले अगर पशुओं ने ज्वार को खा लिया तो ये उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
दो-तीन बारिश से पहले इस चारे को पशुओं को बिलकुल भी न खिलाएं.
ज्वार पशु के रुमेन में मौजूद माइक्रोआर्गेनिज्म कम्पाउंड का हाइड्रोलिसिस करके पशु के पेट में धूरिन साइनाइड नामक जहर पैदा करता है.
यह साइनाइड कोशिकाओं में मौजूद साइटोक्रोम आक्सीडेज नामक एंजाइम को काम करने से रोकता है.
इसके कारण हीमोग्लोबिन से ऑक्सीजन रिलीज नहीं हो पाती और पशुओं का दम घुटने लग जाता है. समय पर इलाज नहीं मिलने पर दम घुटने से पशु मर जाता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक ज्वार में धूरिन की मात्रा एक दो बारिश होने के बाद घटने लगती है.
ज्वार धूरिन तभी तक हानि पहुंचाता है जब तक कि बारिश नहीं हुई हो. दो-तीन बारिश के बाद ज्वार का सेवन करना पशुओं के लिए नुकसानदायक नहीं है.