Byline: aajtak.in
कुछ ही हफ्तों में धान की बुवाई की शुरुआत हो जाएगी. धान की बंपर पैदावार के लिए किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
धान की फसल ठीक-ठाक पानी की मांग करती है. ऐसे में सिंचाई नहीं मिलने के चलते धान की फसल बर्बाद हो सकती है.
ऐसे में किसानों को धान की बुवाई से पहले इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनके पास सिंचाई के क्या-क्या साधन हैं.
बुवाई करने से पहले किसानों को बीजों का शोधन कर लेना चाहिए. अगर वक्त रहते बीजों का उपचार हो जाता है तो फसल कई तरह के रोगों से बच सकती है.
बुवाई करने से पहले किसानों को बीजों का शोधन कर लेना चाहिए. अगर वक्त रहते बीजों का उपचार हो जाता है तो फसल कई तरह के रोगों से बच सकती है.
किसान खेत की 2 से 3 बार जुताई करने से पहले मेड़बंदी कर लें. मेड़ सही तरीके से बनाए जाने पर खेत में बारिश का पानी लंबे समय तक बना रहता है.
अगर खेत में खरपतवार ज्यादा है तो बुवाई से ठीक पहले ही एक बार पानी भरकर जुताई कर उसे निकाल देना चाहिए.
धान की नर्सरी तैयार करते वक्त उस पर कीटों का खतरा ज्यादा होता है. इससे बचाव के लिए प्रति हेक्टेयर पर 1.25 लीटर क्लोरोसाइपार या 250 एमएल इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव कर सकते हैं.
फसल से खैरा रोग को बचाने के लिए 400 ग्राम जिंक सल्फेट को 1.6 किलो यूरिया या 2 किलो बुझे हुए चने के साथ 60 लीटर पानी में मिलाकर पौधों को रोगों से बचा सकते हैं.