तनाव यानी टेंशन, यह स्थिति इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक हो सकती है.
तनाव जब-जब धीरे-धीरे डिप्रेशन का रूप ले लेता है तो दुधारू पशुओं में दूध उत्पादन घट जाता है.
करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने गाय-भैंसों को तनाव मुक्त रखने के लिए संगीत की थेरेपी का अनूठा प्रयोग किया है.
यहां दुधारू पशुओं को रोजाना बांसुरी अथवा अन्य मधुर संगीत की धुन सुनाई जाती है.
इससे दुधारू पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है. साथ ही पशुओं में अधिक चारा खाने की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है.
इसके चलते पशुओं के दूध उत्पादन में इजाफा हुआ है.
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के शोध के अनुसार संगीत की तरंगें गाय के मस्तिष्क में ऑक्सीटोसिन हार्मोंस को सक्रिय करती है. गाय को दूध देने के लिए प्रेरित करती है.