पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग के द्वारा साल 2005-06 में नाबार्ड के अंतर्गत "डेयरी और पोल्ट्री के लिए उद्यम पूंजी योजना" नामक एक पायलट योजना शुरू की गई थी.
साल 2010 में इसका नाम 'डेयरी उद्यमिता विकास योजना' कर दिया गया था.
नाबार्ड की इस योजना के किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां आवेदन कर सकती हैं.
इसके अलावा डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
योजना के तहत एक परिवार के एक से अधिक सदस्यों की सहायता की जा सकती है बशर्ते वे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग इकाइयां स्थापित करें.
नाबार्ड द्वारा परियोजना लागत का 25 प्रतिशत( एसटी / एससी किसानों के लिए 33.33 प्रतिशत) सब्सिडी के तौर पर दिया जाता है.
गाय-भैंस, बकरी समेत तमाम तरह के पशुपालन पर सब्सिडी को पाने के लिए आप नाबार्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.