धान की फसल में बालियां और दाने बनने लगे हैं.
मौसम में अचानक हो रहे बदलाव के कारण फसलें गर्दन तोड़ (नेक ब्लास्ट) बीमारी की चपेट में आ रही हैं.
धान का पौधा सूखने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.
यह बीमारी मौसम में अचानक हुए बदलाव और अधिक नमी के कारण फैलती है.
बालियां निकलते समय इस बीमारी के कारण पौधे की गाठें कमजोर हो जाती हैं.
इस बीमारी की चपेट में आने के बाद धान की पत्तियों पर आंख के आकार के नीले अथवा बैंगनी रंग के अनेक धब्बे बनते हैं.
धब्बों के बीच का भाग चौड़ा और दोनों किनारे लंबे हो जाते हैं. कई धब्बे आपस में मिलकर बड़े आकार के हो जाते हैं और पत्तियों को सुखा देते हैं. वहीं तने की गांठें काली हो जाती हैं.
हम आपको बताएंगे कि इस रोग से धान की फसल को कैसे बचाया जा सकता है.
पत्तियों पर बीमारी का एक भी धब्बा दिखाई देते ही छिड़काव के लिए कार्बेंडाजिम 50 डब्ल्यूपी 400 ग्राम या बीम 120 ग्राम को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें.
बालियों पर 50 प्रतिशत फूल निकलने के समय छिड़काव दोहराएं. इस छिड़काव को दोपहर के बाद करें.