04 Aug 2024
Credit: Freepik
बरसात के महीने में दुधारू पशुओं में बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है जिससे पशुपालकों को नुकसान होता है.
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ऐसे में किसान को सचेत रहना चाहिए क्योंकि बीमार पशुओं में दूध में कमी हो जाती है.
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आइए जानते हैं कि बरसात के मौसम में पशुओं को कौन सी बीमारी का खतरा ज्यादा होता है और इसके बचाव के क्या उपाय हैं.
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दलदल या कीचड़ में रहने से खुर की बीमारी हो जाती है और थन में कीटाणु लग जाने की वजह से थनैला रोग हो जाता है.
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लेकिन, ज्यादा खतरनाक बीमारी गलाघोंटू है जिससे 105-106 डिग्री बुखार, आंखों का लाल होना और सांस लेने में दिक्कत की वजह से उनकी मृत्यु भी हो जाती है.
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ऐसे में पशुओं को बचाने के लिए हर तीन-तीन महीने में कृमि नाशक दावा लगाएं.
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कुछ पशुओं में अगर खुरहा बीमारी हो गई है तो एंटीबायोटिक दावा जैसे पेनिश्री आदि इंजेक्शन लगातार पांच दिनों तक लगाएं.
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ऐसा करने से पशुओं में दूध की कमी नहीं रहती और स्वस्थ भी रहते हैं.
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