राजस्थान के पाली जिले के किसान नारायण चौधरी ने 2007 में पुणे के एक निजी कॉलेज से MBA की पढ़ाई पूरी की.
पढ़ाई पूरी करने के बाद 2 साल पुणे में ही एक MNC में जॉब की. फिर एक साल राजस्थान के मार्केटिंग रीजनल हेड रहे.
साल 2009 में नौकरी छोड़कर अपने गांव देवली पाबूजी में पत्थर कटिंग की फैक्ट्री लगाई.
साल 2015-16 में गांव के बाहर पाली रोड पर 18 बीघा बंजर जमीन खरीदी.
इन पौधों को बंजर जमीन पर बाहर से लाई गई उपजाऊ मिट्टी डालकर पौधे लगा दिए.
नारायण चौधरी ने फिर साल 2020 में 2100 पौधे इसी तरह और लगा दिए.
इन पौधों में अब सीताफल यानी शरीफे की भरमार खेती होने लगी.
इसकी खेती से अब वह लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.